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वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राहत
शिमला। वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) से बड़ी राहत मिली है। जगत सिंह नेगी (Jagat Singh Negi) ने सूरत सिंह नेगी को उद्घाटन और शिलान्यास न किए जाने की गुहार लगाई थी। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा (Judge Sabina and Justice Sushil Kukreja) ने याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी की ओर से जिला किन्नौर में एक से एक उद्घाटन और शिलान्यास कर किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के चलते लोगों में अपनी पैठ बनाने के लिए विकास कार्यों का उद्घाटन में जल्दबाजी दिखाई जा रही है।
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प्रतिवादी सूरत सिंह नेगी वन निगम का उपाध्यक्ष होने के कारण इसके लिए सक्षम नहीं है। अदालत से गुहार लगाई गई थी कि सूरत सिंह नेगी ने जितने भी शिलान्यास किए हैं उन्हें हटाए जाने के आदेश दिए जाएं। इन्हें हटाने का पूरा खर्चा उससे ही वसूला जाए। नेगी को और उद्घाटन और शिलान्यास करने से रोका जाए। इसके निष्क्रियता और अवैध अनधिकृत कार्य के लिए दंडात्मक जुर्माना लगाया जाए। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि सूरत सिंह नेगी 28 सितंबर से 8 अक्टूबर तक विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास कर चुका है। इन परिस्थितियों में मामले पर हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पहाड़ों पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण से जुड़े मामले पर अधिकारियों को किया तलब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पहाड़ों पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण से जुड़े मामले (Cases related to indiscriminate and haphazard construction on mountains) में 17 अक्टूबर को मामले से जुड़े सभी आला अधिकारियों को हाईकोर्ट के समक्ष तलब किया है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि कुमारहट्टी के समीप बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंताए जिला वन अधिकारी और टॉउन एंड कंटरी प्लानर (Town and Country Planner) को इसका सदस्य बनाया गया है। अदालत को बताया गया था कि इस कमेटी का गठन 20 सितंबर को किया गया था। अदालत को यह भी बताया गया था कि कुमारहट्टी (Kumarhatti) क्षेत्र को नजदीकी प्लानिंग क्षेत्र में मिलाए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस बारे मंत्रिमंडल की ओर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बड़ोग क्षेत्र नजदीक होने के कारण कुमारहट्टी को साडा बड़ोग में विलय करने की संभावना भी तलाशी जा रही है। उल्लेखनीय है कि पहाड़ियों पर बेतरतीब व अवैध निर्माणों के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से जवाब शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए थे।
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मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ (Chief Justice AA Syed and Justice Jyotsna Riwal Dua) की खंडपीठ ने पहाड़ों पर अवैध निर्माणों के मुद्दे को अतिमहत्वपूर्ण और गंभीर बताया। कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वह अपने जवाब शपथपत्र में यह भी स्पष्ट करे कि प्रदेश की कौन सी अथॉरिटी ने सोलन जिला के गांव खील झालसी से कोरों गांव को मिलाकर कैंथरी गांव (Kanthari Village) तक के 6 किलोमीटर की सड़क के दोनो तरफ बहुमंजिला इमारतों को बनाने की अनुमति प्रदान की है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया था कि ऐसे बेतरतीब और अंधाधुंध निर्माणों को रोकने के लिए कोई निर्धारित नियम नहीं है। कोर्ट का मानना था कि पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील इलाके में यह इमारतें पहाड़ों को काटकर बनाई गई प्रतीत होती है। प्रार्थी कुसुम बाली ने याचिका में यह भी बताया है कि यह निर्माण गैरकानूनी है। इनसे पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकते हैं। कोर्ट ने प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी पहाड़ों को काटकर इन अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माणों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अवगत करवाने के आदेश भी मुख्य सचिव को दिए थे। कोर्ट ने याचिका को विस्तार देते हुए इसे पूरे राज्य में पहाड़ों पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सम्बंधित आला अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष तलब किया है। वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जगत सिंह
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालतों में नौकरी के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई
अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh Highcourt) ने अधीनस्थ अदालतों में नौकरी पाने के लिए इच्छुक उम्मीदवार 31 अक्टूबर तक आवदेन कर पाएंगे। क्योंकि हाईकोर्ट ने आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि बढ़ा दी है। इसके साथ ही 88 अतिरिक्त पदों को भी बढ़ाया दिया गया। इनमें 42 पद क्लर्क तीन पद प्रोसेस सर्वर के 21 पद दावेदार चौकीदार और सफाई कर्मी 17 पद आशुलिपिक के और पांच पद ड्राइवर (Driver) के बढ़ाए गए हैं। इससे पहले 444 विभिन्न पद भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसमें चार पद प्रोटोकॉल ऑफिसर, क्लर्क के 169 पद, जेओए के तीन पद, प्रोसेस सर्वर के 77 पद सेवादार, चौकीदार और सफाई कर्मी के 94 पद, माली के तीन पद, आशुलिपिक के 90 पद और ड्राइवर के चार पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए 14 सितंबर से 14 अक्टूबर 2022 तक का समय निर्धारित किया गया था। विज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि इन पदों के लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदनों को ही मंजूर किया जाएगा। पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता, आयु, फीस और अन्य योग्यता की जानकारी हाईकोर्ट की वेबसाइट पर दी गई है।
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