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लैंड रेवेन्यू एक्ट से जुड़े संशोधन पर बोले नेगी- कर्मियों की मांगों पर विचार करेगी सरकार
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र( Monsoon Session of HimachalVidhansabha) में लैंड रेवेन्यू एक्ट में संशोधन (Amendment in Land Revenue Act) करते हुए सरकार ने रेवेन्यू से जुड़े मामलों में तेजी लाने के लिए समय सीमा निर्धारित करने का कानून बनाया और इसमें देरी होने पर विभागीय कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया। इसको लेकर पटवारी कानूनगो कर्मचारी संगठनों में आपत्ति जताई और कम कर्मचारी और अधिक कार्यभार का हवाला दिया। इसको लेकर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपने प्रतिक्रिया दी है और भूमि और राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों को आश्वासन दिया है। नेगी ने कहा कि लैंड रिवेन्यू एक्ट( Land Revenue Act) से जुड़े संशोधन को लेकर सरकार कर्मचारियों की ओर से की गई मांगों को लेकर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का किसी भी तरीके से अधिकारी कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने का इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले लंबित पड़े रहने के चलते यह फैसला लिया गया। ह नेगी ने कहा की सरकार जल्दी ही राजस्व विभाग में भर्ती प्रक्रिया को भी शुरू करेगी और पटवारी से कानूनगो बनाने की प्रक्रिया में रियायत देने के बारे में के बारे में सरकार सोच रही है
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कर्मचारियों की कमी है और सामान्य दिक्कतें भी
वहीं पटवारी- कानूनगो कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि विधानसभा( Vidhansabha) के दौरान कानून लाया गया, जिसमें तय समय सीमा के प्रावधान को लेकर कर्मचारियों (Employees) ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि उनके पास कर्मचारियों की कमी है साथ ही फसल के समय, घास के वक्त, बरसात और बर्फ के दौरान नाप नपाई यदि के काम नहीं किए जा सकते, ऐसे में सरकार समय सीमा कैसे तय करेगी। इसी आशंका को लेकर अधिकारी कर्मचारियों ने सरकार से बात की और रेवेन्यू का भार छोड़ने तक की भी बात कही। जिसके बाद अब उन्हें राजस्व मंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है और विभाग के मंत्री के साथ बैठक भी होनी तय है। जिसमें इन मसलों के हल पर विचार विमर्श किया जाएगा।