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हिमाचल में बिजली बोर्ड के फंसे 349 करोड़ रुपए, बिल पेंडिंग
शिमला। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (Himachal Pradesh State Electricity Board) के 349 करोड़ रुपए के बिजली के बिल लंबित हैं। इसकी रिकवरी के लिए बोर्ड ने फील्ड स्टाफ को सख्त निर्देश दिए हैं। बोर्ड (Board) ने साफ कहा है कि डिफाल्टरों (defaulters) को 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए। यदि वे बिल जमा नहीं करवाते तो उनके कनेक्शन काट दिए जाएं।
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वहीं बोर्ड ने कहा है कि अगर किसी भी सर्कल में किसी भी अधिकारी ने तय समय के भीतर प्रोग्रेस नहीं दिखाई तो उस पर गाज गिरना तय है। बिजली के बिल 31 अक्टूबर तक के लंबित हैं, जो अभी तक नहीं वसूले गए। सबसे ज्यादा 155 करोड़ के पेंडिंग बिल उद्योगों के हैं। वहीं जल शक्ति विभाग से 70 करोड़ रुपए का बिल वसूलना है। कृषि विभाग से 4 करोड़ का, बल्क सप्लाई का 9.89 करोड़, स्ट्रीट लाइट का 6 करोड़ (9.89 crore for bulk supply, 6 crore for street light) , अस्पताल और अन्य कार्यालयों से 15 करोड़, निर्माण कार्यों के लिए जारी की गई टेंपरेरी बिजली कनेक्शन के 6 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं। बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं से 55 करोड़ के बिल वसूलने हैं।
बोर्ड से जुटाई गई जानकारी के अनुसार 40 करोड़ के बिल लिटिगेशन के कारण लंबित हैं। शेष बिलो की रिकवरी के लिए बोर्ड ने अपना रवैया कड़ा कर दिया हैए ऐसा इसलिए ताकि बोर्ड अपनी देनदारियों को भी समय पर चुकता कर सके। इसमें अकेले 160 करोड़ रुपए कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करने पड़ रहे हैं। इतना ही बजट पेंशन और अन्य वित्तीय लाभ देने पर खर्च हो रहा है।बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल (Pankaj Dadwal) ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए बोर्ड ने ऑनलाइन बिलिंग की सेवा शुरू की हैए ताकि लोगों को बिजली बिल जमा कराने के लिए लंबी लाइनों में न खड़ा रहना पड़े। बावजूद इसके लोग बिजली का बिल जमा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली बिल के करोड़ों रुपए की वसूली के लिए सभी फील्ड स्टाफ को सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्हें पहले डिफॉल्टर को नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है और उसके बाद बिजली के काटने के आदेश दिए गए हैं।