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शिमला। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने आज यहां फोरलेन संघर्ष समिति के मामलों के निवारण के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि फोरलेन परियोजनाओं के कारण हुए नुकसान और मुआवजे से जुड़े मुद्दों का निर्धारण करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राज्य लोक निर्माण विभाग, संबंधित जिला प्रशासन और ठेकेदारों के प्रतिनिधियों की गठित समितियां बैठक का आयोजन कर समयबद्ध रिपोर्ट तैयार करें, ताकि इन परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों का समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जिलों व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कार्यान्वयन ईकाइयां सभी प्रभावितों को भूमि अधिकरण अधिनियमों के अनुसार मुआवजा प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फोरलेन और सड़क मार्ग के लिए भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण, राज्य लोक निर्माण विभाग और राजस्व अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वेक्षण करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कों की मरम्मत के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) द्वारा 6 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। इस राशि से प्रदेश के संपर्क व राष्ट्रीय राज मार्गों के मरम्मत कार्य करवाए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को मध्यस्थता के लंबित मामलों का भी शीघ्रता से निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को पांच मीटर कन्ट्रोल ब्रिडथ मामले में राहत प्रदान करने पर भी विचार कर रही है। फोरलेन (Four Lane) के लिए भूमि अधिग्रहण से जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं, वहां बाईपास बनाकर इनको विस्थापित होने से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कें देश और प्रदेश की भाग्य रेखाएं कही जाती हैं। राज्य में राष्ट्र उच्च मार्ग और भारतीय राष्ट्र उच्च मार्ग प्राधिकरण की परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जाए, ताकि इससे प्रदेश के लोग लाभान्वित हों।
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