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संजय का आरोपः दवा निर्माण में हो रहा नकली और घटिया सामग्री का उपयोग; सीएम खामोश
रविंद्र/धर्मशाला। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा (Sanjay Sharma) ने सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) की सरकार के ऊपर आरोप लगाया है कि वर्तमान सरकार में ना केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है बल्कि एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब में भी बुरा हाल है। दवा निर्माण में नकली और घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और जब ऐसे मामले सामने आते हैं और उनके ऊपर यदि ड्रग नियंत्रण विभाग (Drug Control Department) काम करता है या कोई एक्शन लेता है तो प्रदेश की सरकार और स्वास्थ्य सचिव उसमें अड़ंगा अड़ाते हैं और भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का काम करते हैं। सीएम इन सब मामलों में जानकारी होने के बावजूद खामोश हैं।
‘घटिया रॉ मैटेरियल्स अप्लाई करने का आरोप’
हाल ही में ऐसा ही मामला सामने आया कि जब के.सी ओवरसीज (KC Overseas) नाम की एक कंपनी जो कि हरियाणा के पंचकुला से अपना धंधा चलाती है। उसके ऊपर कई दवा उत्पादकों ने नकली और घटिया रॉ मैटेरियल्स अप्लाई करने का आरोप लगाया। ड्रग विभाग के अधिकारियों ने जांच में पाया कि वह कंपनी विदेश की किसी कंपनी के नाम से घटिया दवा निर्माण सामग्री दवा उद्योगों को बेच रही है और तब तक 28,000 किलो से अधिक सामान बेच चुकी थी।
‘देश की जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला’
विभाग ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के प्रबंधक को पुलिस के सहयोग से पकड़वाया लेकिन इसके मालिक अंकुश और अंकित सिंगला एग्रीमेंट जमानत लेने में कामयाब हो गए परंतु High Court ने मामले की गंभीरता को समझते हुए उनकी जमानत रद्द कर दी। विभाग ने कार्रवाई करते हुए विभाग के (सबसे बड़े अधिकारी की अनुपस्थिति में) कंपनी का ड्रग लाइसेंस रद्द कर दिया और अच्छा काम किया लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव ने कंपनी की अपील पर (अपीलेट अथॉरिटी के नाते) उसे बहाल कर दिया और कंपनी को अपना बचा हुआ सामान इधर-उधर करने का मौका दे दिया जबकि उनकी अग्रिम जमानत रद्द कर दी गई थी और इतने बड़े गंभीर मामले को सरकार के और सीएम के संज्ञान में होने के बावजूद दबाने के प्रयास हो रहे हैं और सरकार ने स्वास्थ्य सचिव के ऊपर ऐसे मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जबकि मामला देश की जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा था। स्वास्थ्य सचिव की कार्यप्रणाली पहले भी विवादों के घेरे में है।
‘सरकार ने नहीं दिखाई कोई गंभीरता’
प्रदेश High Court पहले भी सरकार से दवाओं के लगातार फेल होते सैंपल के ऊपर कई बार जवाब तलब कर चुका है लेकिन सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का काम किया और आगे भी करने का प्रयास कर रही है। ड्रग विभाग से संबंधित ऐसे मामलों में जिन अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए उनको रिटायरमेंट के बाद भी सेवा विस्तार देने के प्रयास में सरकार के कुछ सीपीएस, विधायक और कांग्रेस के नेता लगे हुए हैं और इसके पीछे उनकी क्या मंशा है सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।
यदि सरकार ऐसा कुछ करती है तो उसका एजेंडा स्पष्ट हो जाएगा कि क्यों भ्रष्टाचार के ऊपर सरकार गंभीर नहीं है और ऐसे अधिकारियों को क्यों संरक्षण दे रही है। यहां तक कि ऐसे अधिकारियों के ऊपर केंद्र की भी कई एजेंसियों की नजर है। समय आने पर दस्तावेजों सहित खुलासा किया जाएगा और किस-किस की क्या संलिप्तता है यह भी बताया जाएगा।