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खुल गई राजनीतिक “जमीन” की खरीद-फरोख्त
Last Updated on August 15, 2020 by admin
धर्मशाला। कभी कांग्रेसी रहे मेजर विजय सिंह मानकोटिया के जयराम कैबिनेट के एक सहयोगी पर जमीन संबंधी खरीद-फरोख्त के मामले में लगाए गए आरोपों के बाद आज पहली मर्तबा सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने अपना पक्ष सामने रखा। हालांकि,मानकोटिया ने अपने आरोपों में उनका कहीं नाम नहीं लिया था। फिर भी वह सफाई देने के लिए सामने आईं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पहले तो पूर्व मंत्री यह बताएं कि उन्होंने जमीन खरीद की जो जानकारी मीडिया के समक्ष रखी है उनका सोर्स क्या था। क्या उन्होने यह जानकारी आरटीआई से ली है या ऑनलाइन मिली है या फिर वीरभद्र सिंह की सीडी की तरह कोई उनको दरवाजे पर छोड़ गया है।
सरवीण चौधरी ने कहा कि उन्होंने या फिर उनको परिवार वालों ने जो भी जमीन खरीदी है उसका पूरा ब्योरा उनके पास है और नामाकंन दाखिल करते समय इस बारे में पूरी जानकारी दी गई थी। उनके परिवार वालों के भूमि खरीदने के मामले में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। यह जमीन यूज के लिए खरीदी है कोई मुनाफा कमाने के लिए नहीं। दूसरा मानकोटिया यह बताने का कष्ट करें कि भू-माफिया की परिभाषा क्या है। उन्होंने कहा कि मानकोटिया के इतिहास के बारे में सभी जानते हैं। सरवीण ने पूछा- राजस्थान होशियारपुर, हिमाचल में जो जमीन मानकोटिया ने बेची है क्या उसका टैक्स भरा है। उन्होंने करोड़ों खर्च करके त्यारा में अपना घर बनवाया है और उसे होम स्टे में रजिटर करवाया है। इतना ही नहीं भनाला में एक व्यक्ति को बहला-फुसला कर राजीव गांधी ट्रस्ट बनाने के नाम 15 कनाल जमीन 3 लाख में खरीदी और बाद में 5 लाख में बेच दी। क्या इसमें नियम लागू नहीं होते।