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पुरुष की दाढ़ी होती है महिला की क्यों नहीं, यहां पढ़िए साइंस के रोचक तथ्य
विज्ञान (Science) एक बहुत ही दिलचस्प विषय माना जाता है। आपके कहेंगे कि वो कैसे। भाई! हमारे आसपास जो भी घटनाएं हो रही हैं वो साइंस ही है। आप पानी को ही ले लीजिए। इसका फार्मूला (Formula) क्या है, ये किन चीजों से मिलकर बनता है। इसे गर्म करने पर क्या होता है। अगर दिल लगाकर इसी पर स्टडी (Study) करेंगे तो यह भी दिलचस्प हो जाएगा और जितनी भी खोज करते जाओ। आपके सवाल खत्म नहीं होंगे और उतना ही इसका रहस्य बढ़ता जाता है, साथ ही हमारी जिज्ञासा भी। चाहे आप बच्चे हों या फिर बड़े, इस विषय के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए लोग तरह तरह के एक्सपेरिमेंट (Experiment) करते हैं, लेकिन कभी कभी हम इस विषय के रहस्यों में ऐसे उलझ जाते हैं कि हमारा दिमाग ही काम नहीं करता है। आज हम आपके लिए विज्ञान से संबंधित ऐसे ही 8 मजेदार रहस्य और तथ्य लेकर आए हैं, जो आपकी जिज्ञासा को और बढ़ा देगी।
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बिना सिर का जीवन
कॉकरोच (Cockroach) से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे डरते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह विज्ञान की दुनिया में अपनी मेहनत के लिए प्रसिद्ध है। इनका परिसंचरण तंत्र खुला होता है, इसलिए ये अपने शरीर के प्रत्येक खंड में स्थित छोटे छिद्रों से सांस ले सकते हैं। कॉकरोच सांस लेने के लिए मुंह या सिर पर निर्भर नहीं होते हैं। इसलिए सिर कटने के बाद भी कॉकरोच एक सप्ताह या इससे अधिक दिनों तक जिंदा रह सकता है। इनकी मौत इसलिए होती है, क्योंकि मुंह के बिना ये पानी नहीं पी पाते और प्यास से मर जाते हैं।
पुरुषों की दाढ़ी आती है औरतों को क्यों नहीं
जन्म के बाद मानव में सबसे ज्यादा विकास किशोरावस्था (Adolescence) में होता है। ग्यारह से तेरह वर्ष की उम्र के किशोरों में यौन ग्रंथियों का विशेष विकास होता है। इस उम्र में पुरुषों के यौन ग्रंथिया एण्ड्रोजन हार्मोन (Androgen Hormones) पैदा करती हैं। जो दाढ़ी और छाती के बालों में वृद्धि करते हैं, जबकि स्त्रियों की यौन ग्रंथियां एण्ड्रोजन की बजाए एस्ट्रोजन हार्मोन पैदा करती हैं। इसी वजह से पुरुषों में दाढ़ी होती है और स्त्रियों में नहीं।
एक चम्मच न्यूट्रॉन स्टार का भार माउंट एवरेस्ट जितना
न्यूट्रॉन तारों के बारे में सुना ही होगी। अगर नहीं तो जान लें कि न्यूट्रॉन (Neutron) तारा किसी भारी तारे के महानोवा (सुपरनोवा) घटना के बाद उसके गुरुत्वीय पतन से बना हुआ अवशेष होता है। यह तारे केवल न्यूट्रॉन के बने होते हैं। इनका आकार बहुत छोटा मगर द्रव्यमान बहुत ज्यादा होता है। एक चम्मच न्यूट्रॉन स्टार में नाभिकीय घनत्व का वजन लगभग 6 बिलियन टन होता है। या मान लो की पृथ्वी (Earth) के माउंट एवरेस्ट जितना एक चम्मच न्यूट्रॉन स्टार का घनत्व होता है।
हवाई हर साल 7.5 सेमी बढ़ रहा
हवाई हर साल अलास्का (Alaska) के करीब 7.5 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। यहां की जमीन में यह परिवर्तन टेक्टोनिक प्लेटों के कारण होता है, जो निरंतर गति में होती हैं, जो उनके नीचे उठने और गिरने वाली धाराओं द्वारा संचालित होती हैं। हवाई प्रशांत प्लेट के केंद्र में रहता है और हर साल इस निरंतर गति के कारण, हवाई धीरे-धीरे और लगातार उत्तरी अमेरिकी मंच पर वापस अलास्का की तरफ बढ़ रहा है।
वो धातुए जो हवा और पानी के संपर्क में आने पर फट जाते हैं
क्या आप जानते हैं कि कुछ धातुएं हवा और पानी के संपर्क में आती हैं तो फट जाती हैं। दरअसल हवा के संपर्क में आने पर ये धातुएं तुरंत ही ऑक्सीकृत हो जाती हैं, क्योंकि ये धातुएं अत्यधिक क्रियाशील होती हैं। इन धातुओं में सोडियम (Sodium), पोटेशियम, लिथियम, बिडीयाम और सीज़ियम प्रमुख हैं। उसके बाद जब इन धातुओं को पानी में डाला जाता है तो विस्फोट होता हैं। ये सभी क्षार धातुएं हैं और इनके बाहरी कक्षा में केवल एक इलेक्ट्रॉन होता है, जिसके कारण वे आसानी से इस इलेक्ट्रॉन का त्याग कर अन्य धातुओं के साथ बंधन बना लेते हैं।
डीएनए एक अग्निरोधी है
हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि जब डीएनए (DNA) से सूती कपड़ों की कोटिंग की जाती हैए तो डीएनए में पाए जाने वाले आनुवंशिकता संबंधी तत्व कपड़े की ज्वलनशीलता को कम कर देते हैं। इसका कारण डीएनए में मौजूद फॉस्फेट है, जो गर्म होने पर फॉस्फोरिक अम्ल का निर्माण करता है। इसके साथ ही पानी को प्रतिस्थापित कर एक अग्निरोधी पदार्थ की तरह कार्य करता है। वास्तव में डीएनए में मौजूद नाइट्रोजन (Nitrogen) अमोनिया का उत्पादन करता है जो कि दहन को रोकता है।
पृथ्वी गतिशील है फिर पता क्यों नहीं चलता
हमारी पृथ्वी लगातार अपनी धुरी पर घूमती रहती है। ऐसा नहीं हैं कि हमें पृथ्वी की गति का पता नहीं लगता। दिन में सूर्य (Sun) की बदलती हुई स्थिति से हमें पृथ्वी की गति आभास होता है। पृथ्वी का घूमना हमें महसूस इसलिए नहीं होता, क्योंकि पृथ्वी बराबर एक ही गति से घूम रही है। किसी भी वस्तु की गति का पता उसकी गति में आने वाले परिवर्तन से होता है। पृथ्वी की गति में परिवर्तन न होने के कारण ही हमें इसके बारे में पता नहीं चल पाता, साथ ही हमारा अस्तित्व भी पृथ्वी के तुलना में कण मात्रा से कम है।
सोते समय हमें गंध का पता नहीं चलता
गंध पर ब्राउन विश्वविद्यालय (Brown University) के रिसर्चर ने 2004 में 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के 3 स्वस्थ पुरुषों और 3 स्वस्थ महिलाओं के ऊपर एक परीक्षण किया था, जिसमें पाया गया कि सभी लोग तेज शोर के कारण एक झटके में जाग गए, लेकिन गंध का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसमें यह साबित होता है कि जब हम सो रहे होते हैं तो हमें गंध का पता नहीं चलता है।
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