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वैज्ञानिकों का दावा : पानी में खत्म हो जाता है कोरोना वायरस
दुनिया भर में कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ते रहे हैं। अब तक 1.7 करोड़ से अधिक लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, लगभग 7.2 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन (Vaccine) खोजने में लगा हुआ है लेकिन अभी तक किसी के हाथ सफलता नहीं लगी है। इसी बीच वायरस को लेकर कई नए खुलासे भी हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने एक ताजे शोध में दावा किया है कि कि पानी में कोरोना वायरस मर जाता है।
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दरअसल, रूस के वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी (Vector State Research Center of Virology and Biotechnology) के वैज्ञानिक कोरोना को लेकर पिछले कई महीनों से शोध कर रहे थे। इसी शोध में उन्होंने पता लगाया है कि पानी में कोरोना वायरस खत्म हो जाता है। हालांकि इसे पूरी तरह से नष्ट होने में 72 घंटों का समय लगता है। शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने बताया कि डीक्लोराइनेटेड (Dechlorinated) और खारे पानी में वायरस नहीं फैलता है, लेकिन संरक्षित किया जा सकता है। कोरोना वायरस के खत्म होने का समय सीधे पानी के तापमान पर निर्भर करता है।
रिसर्च के मुताबिक कमरे के तापमान पर पानी में COVID का 90% Virus मर जाता है, जबकि 72 घंटों के दौरान 99.9% कोरोना पूरी तरह खत्म हो जाता है। वहीं, पानी के उबलने से वायरस पूरी तरह नष्ट हो जाता है। क्लोरीनयुक्त पानी में कोरोना वायरस अपनी संक्रामक क्षमता को पूरी तरह से खो देता है। इससे पहले United kingdom के वैज्ञानिकों ने 98 शोधों के आंकड़ों के आधार पर बताया था कि अगर कोरोना मरीज के गले, नाक, मल में 9 दिन बाद भी वायरस (Coronavirus) की मौजूदगी पाई जाती है तो भी उससे संक्रमण नहीं फैलता है। इस स्टडी के मुताबिक वायरस का जेनेटिक पदार्थ यानी RNA गले में 17 से 83 तक रहता है, लेकिन यह RNA खुद संक्रमण नहीं फैलाता। संवेदनशीलता के कारण उसकी पहचान हो जाती है, लेकिन 9 दिन के बाद वायरस का कल्चर विकसित करने के सारे प्रयास फेल हो जाते हैं। इसकी वजह से इनकी संक्रमकता क्षमता भी खत्म हो जाती है।