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स्वास्थ्य कार्यकताओं के लिए स्वंय सहायता समूह बना रहे PPE Kit
Last Updated on April 8, 2020 by Vishal Rana
शिमला। आज संर्पूण विश्व कोविड.19 के खिलाफ लड़ाई कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को समय पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) उपलब्ध करवाना मुख्य चुनौती है। संकट की इस घड़ी में प्रदेश के स्वंय सहायता समूहों (self-help groups) ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल की है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज यहां बताया कि प्रदेश में 50 से अधिक स्वयं सहायता समूह प्रतिदिन लगभग 15 हजार मास्क तैयार कर कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से 2000 महिलाएं इस कार्य में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि इन स्वंय सहायता समूहों द्वारा तैयार लगभग एक लाख मास्क विभिन्न विभागों और संगठनों को प्रदान किए जा चुके हैं और मास्क बनाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि 3000 महिला किसानों को न्यूनतम भूमि का उपयोग करके किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि सब्जियों का उत्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि 11 युवा पेशेवरों को इन महिला किसानों का मार्गदर्शन करने और उनकी उपज का विपणन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले में एक स्वंय सहायता समूह ने एक सेनिटाइजर तैयार किया है, जिसकी कीमत सौ रुपये प्रति 200 मिलीलीटर है।
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उन्होंने कहा कि स्वंय सहायता समूहों को और अधिक मास्क तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करने पर बल दिया जा रहा है। निदेशक ग्रामीण विकास और आजीविका मिशन के राज्य प्रमुख ललित जैन ने कहा कि ऐसे स्वंय सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट की कीमत कुल 700 रुपये है। उन्होंने कहा कि तीन और स्वंय सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे प्रतिदिन 100 किट तैयार कर सकें।