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मंडी/ नाहन। देश में कृषि कानून( Agricultural law) के खिलाफ चल रहे आंदोलन को हिमाचल के कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है। आज प्रदेश के कई स्थानों पर किसानों के समर्थन में किसान सभा( Kisan Sabha) के साथ अन्य. कई संगठन सड़क पर उतरे। अखिल भारतीय किसान सभा ( All India Kisan Sabha)के आह्वान पर मंडी शहर के सेरी मंच पर किसान सभा, सीटू, जनवादी नौजवान सभा और बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने धरना प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर हिमाचल किसान सभा के उपाध्यक्ष परसराम ने कहा कि दिल्ली में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 8 दिन से संघर्षरत हैं और सरकार अभी भी कृषि कानूनों को किसान हितैषी बताने का दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने बताया कि किसान कोरोना महामारी से ज्यादा खतरनाक इन तीन कानूनों को मानते हैं इसलिए तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की मांग पर किसान संघर्षरत है। इस धरने प्रदर्शन में सीटू के जिला सचिव राजेश शर्मा, जनवादी नौजवान सभा के सचिव सुरेश सरवाल, बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के सचिव नंदलाल वर्मा और कार्यकर्ता राजेंद्र, ललित, लेख राम ,वेद राम, लेख राम, गोपेंद्र मौजूद रहे।
नाहन में भी किसान सभा सिरमौर के बैनर तले नाहन में विभिन्न संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया। गुरूवार को हुए प्रदर्शन में ट्रेड यूनियनों, किसान, महिला, छात्र व नौजवानों ने मुख्य बस स्टेंड से एक रैली निकाली, जो शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए डीसी ऑफिस पहुंची, जहां डीसी कार्यालय के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को मांगों का ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान किसान सभा व अन्य संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर सीटू के राज्य सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून व बिजली क्षेत्र में नया बिजली कानून-2020 आम जनता के पक्ष में नहीं है। उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में 5 जून 2020 को केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को निरस्त करने व नया बिजली कानून वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों का जिला सिरमौर के किसानों पर भी विशेष प्रभाव पडऩे वाला है।
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