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शिमला नगर निगम ने शुरू की ड्रोन मैपिंग, फिर ढारों का होगा नियमितीकरण
संजू/शिमला। नगर निगम शिमला (Shimla MC) ने सम्पतियों का आंकलन करने के लिए ड्रोन मैपिंग शुरू कर दी है। यह मैपिंग 1974 से पहले सरकारी भूमि (Govt Land) पर ढारे बनाकर रह रहे लोगों को कब्जा देने के लिए की जा रही है। कृष्णा नगर में इस काम को शुरू कर दिया है। ड्रोन मैपिंग (Drone Mapping) का काम शहर में उन इलाकों में होगा, जहां पर भी सरकारी भूमि पर ढारे बनाए गए हैं। ये 1974 से पहले रहते हैं। इसका पूरा एक सर्वे कराया जाएगा। इसकी ड्रोन से मैपिंग करने के बाद कब्जा नियमित (Regularize) करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। शहर में इसके तहत ही 1974 से पहले जो लोग अपने ढारे बनाकर रह रहे हैं। नगर निगम या राजस्व विभाग को यदि वे इसके दस्तावेज दे पाएंगे तो उनके कब्जे को ही नियमित किया जाएगा। इसके अलावा अन्य किसी के कब्जे को नियमित नहीं किया जाएगा।
इसलिए भी जरूरी है ड्रोन मैपिंग
नगर निगम प्रशासन का मानना है कि ऐसा न हो कि नियमितकरण की आड़ में कुछ लोग और ढारे बना लें, साथ ही कब्जे को नियमित करने का दावा भी करें। इसलिए निगम प्रशासन ने फैसला लिया है कि पूरे शहर में जहां भी अवैध ढारे बने हैं। इन सब ढारों को नियमित करने से पहले ड्रोन मैपिंग कराई जाएगी और मैपिंग के बाद ही इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जानी है। नगर निगम शिमला की शहर में बहुत सी सम्पति (Properties) है, जिसका रिकॉर्ड नगर निगम के पास नही है। इससे उस सम्पति का आंकड़ा भी इकट्ठा किया जायेग।
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बढ़ेंगी नगर निगम की संपत्तियां
महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि इस मैपिंग से उन संपत्तियों को ढूंढने में भी मदद मिलेगी, जहां से नगर निगम को टैक्स (Tax) नहीं मिल पाता। अभी नगर निगम के पास संपत्तियों का पूरा खाका नहीं है। वर्तमान समय में नगर निगम के पास ऑन रिकॉर्ड 25 से 30000 संपत्तियां हैं। ड्रोन मैपिंग के बाद संपत्तियां बढ़ सकती है।