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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने खनेरी हॉस्पिटल रामपुर (Khaneri Hospital Rampur) में तैनात मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर प्रकाश चंद द्रोच (Prakash Chand Droch) को जारी कारण बताओ नोटिस खारिज कर दिया। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता डॉक्टर प्रकाश चंद द्रोच की याचिका को मंजूर करते हुए यह फैसला सुनाया। राज्य सरकार ने प्रार्थी डॉक्टर को वर्ष 2017 में तत्कालीन सीएमओ ऊना रहते हुए नियमों के विपरीत दवाई की दुकान खोलने हेतु रीजनल हॉस्पिटल ऊना में जगह आवंटित करने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
प्रार्थी का कहना था कि उनका इस आबंटन से कोई लेना देना नहीं है। सरकार का कहना था कि प्रार्थी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में की गई है। मामले का रिकॉर्ड खंगालने के पश्चात कोर्ट ने पाया कि जिस मामले की बात कारण बताओ नोटिस में कही गई है उसमे प्रार्थी ने केवल दुकान के लिए जगह आबंटन वाला आवेदन नियमों के अनुसार आगामी कार्यवाही हेतु तत्कालीन मेडिकल सुपरिटेंडेंट (medical superintendent) को प्रेषित किया था। कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि आमतौर पर अदालत कारण बताओ नोटिस या विभागीय जांच शुरू करने वाले मामले में हस्तक्षेप नहीं करती परंतु इस मामले के तथ्य विचित्र है। हाईकोर्ट के उन आदेशों का हवाला देते हुए प्रार्थी डॉक्टर के खिलाफ विभागीय शुरू की जा रही है जिसमें प्रार्थी पक्षकार ही नहीं था। कोर्ट ने प्रार्थी को जारी चार्जशीट मेमोरेंडम भी खारिज कर दिया।
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