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हिमाचल में फोरलेन का निर्माण बिना डीपीआर के-कोर्ट ने मांग लिया जवाब
Solan to Kaithlighat Four Lane Without DPR : शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने सोलन से कैथलीघाट तक फोरलेन का निर्माण बिना डीपीआर (Solan to Kaithlighat Four Lane Without DPR) किए जाने के आरोप को गंभीर बताते हुए एनएचएआई से जवाब तलब किया है। कोर्ट मित्र द्वारा कालका शिमला फोरलेन निर्माण से जुड़ी जनहित याचिका में एक आवेदन दायर कर कोर्ट को बताया कि सोलन से कैथलीघाट तक का फोरलेन का निर्माण कार्य बिना डीपीआर ही कर दिया गया है।
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर पाया
आवेदन के साथ संलग्न कुछ दस्तावेजों का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया कि संभवतः इस मामले में कोई डीपीआर तैयार नहीं की गई है। फिर भी सड़क निर्माण का कार्य जारी है और कार्य पूरा होने के कगार है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस गंभीर मामला बताते हुए कहा कि बिना डीपीआर कैसे सड़क का निर्माण किया गया। इसके लिए कोर्ट ने (Himachal High Court Called NHAI Reply) एनएचएआई से 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
शिमला से नौणी तक सड़क की एलाइनमेंट में परिवर्तन
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को शिमला-मटौर फोरलेन (Shimla-Mataur Fourlane) के निर्माण से जुड़ी अहम जानकारी भी दी गई। कोर्ट मित्र ने बताया कि इस फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए शिमला से नौणी तक सड़क की एलाइनमेंट में परिवर्तन कर दिया गया है। कोर्ट ने इसे भी गंभीर मुद्दा बताया और एनएचएआई से 14 अक्टूबर तक इस बारे स्पष्टीकरण मांगा है।
-कुलभूषण खजूरिया