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माता-पिता की ये आदतें डालती हैं उनके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव
अपने बच्चे को प्यार करने के साथ-साथ ही डांटना भी चाहिए। मगर बिना किसी बात बच्चे पर गुस्सा करते रहना बच्चे पर बुरा असर (Bad Effect) डाल सकता है। इसी के साथ कहीं और का गुस्सा अपने बच्चों पर उतारना भी सही नहीं होता है। ऐसी स्थिति में माता-पिता (Parents) को संयम से काम लेना चाहिए। अगर आप बात-बात पर गुस्सा करते हैं तो इसका उनके नाजुक मन पर उल्टा प्रभाव (reverse effect) पड़ता है। इसलिए खुद पर नियंत्रण रखना बहुत ही जरूरी होता है। वहीं बार-बार बच्चे की आलोचना करना भी सही नहीं होता है। यदि बच्चा कोई गलती करे तो उसे प्यार से समझाना चाहिए। क्योंकि उसके पास उतनी समझ नहीं है जितनी आपके पास है। वहीं अगर बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो उसकी सराहना करें। इससे उसको आगे बढ़ने के लिए हौसला मिलेगा। कठोर बनने के चक्कर में आप अपने बच्चे को जीवनभर के लिए संकोची ना बनाएं। अकसर यह देखा जाता है कि घरों में माता-पिता अपने बच्चों की तुलना किसी दूसरे से करने लग जाते हैं।
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इतना ही नहीं वे मेहमानों के घर आने पर उनके बच्चों को अपने बच्चों से अच्छा कहने लगते हैं। इससे बच्चों के मन पर चोट लगती है और साथ ही वे खुद को अन्य से कमतर समझने लगते हैं। इस कारण उनके आत्मविश्वास में कमी आ जाती है। वे स्कूल, कॉलेज (those schools, colleges) और जिंदगी के हर पड़ाव पर आत्मविश्वास नहीं महसूस कर पाते हैं। बार जाने-अनजाने में बच्चे अपने बच्चे की निजता का कोई सम्मान नहीं करते। बच्चों की हर छोटी.बड़ी एक्टिविटी को सोशल मीडिया पर डालनाए बच्चों की परेशानियों को भरी सभा में सबसे बांटना या फिर बच्चों की किसी दिक्कत को मजाक के रूप में सबको बताना और बच्चे को हंसी का पात्र बनाना ऐसी ही कुछ बातें हैं जो बच्चे को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। वहीं बच्चों के सामने हर समय दूसरों की बुराई करना भी सही नहीं होता। इससे उन पर भी नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact) पड़ता है। इससे बच्चे मं चुगली और लड़ाई-झगड़े की आदत बनती है।