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मंडी। प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार से की जा रही हिमाचल रेजिमेंट बनाने की मांग खारिज कर दी गई है। लेकिन राज्य सरकार पहाड़ी राज्यों के जवानों की भावनाओं को समझते हुए इस मांग को लगातार उठाने से पीछे नहीं हट रही है। हिमाचल के लिए अलग से रेजिमेंट की मांग खारिज होने के बाद अब प्रदेश सरकार ने हिमालयन रेजिमेंट (Himalayan Regiment) का प्रस्ताव केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखा है। इसकी जानकारी कारगिल विजय दिवस पर मंडी में आयोजित समारोह के दौरान प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने दी। उन्होंने अपने संबोधन में बताया के हिमाचल रेजिमेंट के प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय ने खारिज कर दिया है लेकिन अब सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने हिमालयन रेजिमेंट का प्रस्ताव (Proposal) रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखा है। इसमें हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर सहित अन्य पहाड़ी क्षेत्रों को शामिल करके अलग से एक रेजिमेंट बनाने का सुझाव दिया गया है।
महेंद्र सिंह ठाकुर (Mahendra Singh Thakur) ने कहा कि पहाड़ी प्रदेशों के युवा सेना में अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं और यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यहां के लिए अलग से रेजिमेंट का गठन होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने यह नया सुझाव केंद्र सरकार को दिया है और इसपर ठोस कार्रवाई होने की उम्मीद है। महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि सरकाघाट में जो सैन्य प्रशिक्षण अकादमी (Military Training Academy) राज्य सरकार खोलने जा रही है उसके स्थापित होने के बाद ऐसी ही अकादमियां कांगड़ा, हमीरपुर, उना, बिलासपुर, सोलन और शिमला जिलों में भी खोलने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि यह प्रदेश के कुछ ऐसे जिले हैं जहां से सेना में बहुत बड़ी संख्या में सैनिक और अधिकारी हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों के युवाओं को भी भविष्य में यह सुविधा देने पर विचार किया जाएगा।
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