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सिर्फ 1 अंक के लिए युवक ने कोर्ट में घसीटा शिक्षा बोर्ड, हक में आया फैसला
हमारे देश में बोर्ड की परीक्षा छात्रों के लिए बेहद खास होती है। किसी के लिए भी उसका भविष्य बोर्ड की परीक्षा पर निर्धारित होता है। कई बार हम बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी की खबरें सुनते हैं। ऐसे में कई बार छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बहुत से छात्र ऐसे होते हैं जो दोबारा नंबर जुड़वाने के लिए आवेदन करते हैं तो इसमें काफी समय लग जाता है।
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ऐसा ही कुछ हुआ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शांतनु शुक्ला के साथ। शांतनु को 12वीं की मार्कशीट में सिर्फ एक नंबर जुड़वाने के लिए बोर्ड को अदालत तक ले जाना पड़ा। जानकारी के अनुसार, साल 2018 में शांतनु को एमपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 74.8% नंबर मिले थे, लेकिन महज एक नंबर की वजह से वह सीएम मेधावी योजना से वंचित रह गए थे। इसके बाद उन्होंने री-टोटलिंग करवाने का आवेदन दिया था, लेकिन बोर्ड ने उनका रिजल्ट नहीं बदला। जिसके बाद शांतनु ने केस करने का फैसला किया।
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बता दें कि सिर्फ एक नंबर के लिए शांतनु ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को कोर्ट तक घसीट के ले गए और तीन साल तक कोर्ट केस लड़ने के बाद अब शांतनु के हक में फैसला आया है। कोर्ट ने अब शांतनु की मार्कशीट में 28 नंबर बढ़ाने के आदेश दिए हैं। दरअसल, कोर्ट ने शांतनु की कॉपी दोबारा चेक करने के आदेश दिए थे। अब नई मार्कशीट में शांतनु को 80.4% नंबर मिले हैं। जानकारी के अनुसार, कोर्ट केस के दौरान तीन साल में शांतनु को 44 बार अदालत के सामने पेश होना पड़ा। इस पूरे केस में शांतनु को 15 हजार रुपए खर्च करने पड़े।
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