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यमुनानगर। स्कूल में सफाई कर्मी या फिर चपड़ासी (Peon) से काम करवाना स्कूल प्रबंधन का काम है। अगर वे अधिक पढ़े-लिखे हो तो भी उनका काम उन्हीं को करना चाहिए पर हरियाणा के एक स्कूल मे ऐसा नहीं हो रहा है। यमुनानगर (YamunaNagar) में एक सरकारी स्कूल में छात्राओं द्वारा बर्तन साफ करने का मामला सामने आया। इस संबंध में बात जब टीचर्स तक पहुंची तो उनका कहना था कि स्कूल में चपड़ासी ज्यादा पढ़ा-लिखा है इसलिए वे उससे बर्तन साफ नहीं करवाते और बर्तन छात्राओं को साफ करने पड़ते हैं। उनका कहना था कि सरकार ने जो चपड़ासी और सफाई कर्मचारी नियुक्त किए हैं, वे ज्यादा पढ़े लिखे हैं। इसलिए उन्हें काम कहते अच्छा नहीं लगता।
इस संबंध में जब मामला शिक्षा अधिकारी के पास गया तो उनका कहना था कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार की ओर से पिछले वर्ष ग्रुप डी की भर्ती के तहत सरकारी स्कूलों व विभागों में चपरासी व सफाई कर्मचारियों की भर्ती भी की गई हैं, लेकिन ज्यादा पढ़ाई लिखाई होने के कारण जहां उन्हें चपड़ासी का काम करने में दिक्कत आ रही है। वहीं अधिकारियों को उनसे काम करवाने में शर्म आ रही है।
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