-
Advertisement
शिक्षक से लगाव ऐसा कि, तबादले पर फूट-फूट कर रोए बच्चे, हर किसी की आंख हुई नम
सुंदरनगर। मंडी जिला के सुंदरनगर (Sundernagar) उपमंडल स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय छातर में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर हर किसी की आंख नम हो गई। यहां एक शिक्षक के तबादले (Transfer of Teacher) का पता चलते ही बच्चे फूट-फूट कर रोने लगे। बच्चों का ये लगाव देखकर अध्यापकों की आंखों से भी आंसू छलक गए।
बच्चों के सुख दुःख के साथी थे रोशन लाल
बता दें रोशन लाल छातर स्कूल में शास्त्री शिक्षक (Shastri teacher) के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के दिल में ऐसी जगह बनाई थी कि हर बच्चा अपना सुख दुख, पठन-पाठन से समस्याओं को रोशन लाल शास्त्री से ही बताते थे। शास्त्री ने विद्यालय के वातावरण (Environment) को गुरुकुल की तरह सभ्य और संस्कारित कर दिया है। प्रत्येक बच्चों में संस्कृत के प्रति रुचि पैदा कर दी थी। खाली समय में संस्कृत के श्लोक सुनने को मिलते थे। बच्चों के पठन-पाठन, सुलेख, संस्कार युक्त कार्य के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाते थे। यही नहीं रोशन लाल ने गरीब परिवार के बच्चों के लिए बर्दी, जूते, जुराबें कापियां भी अपनी ओर से बांटी थी। इन्होंने विद्यालय के भौतिक विकास (Physical Development) के लिए भी उत्कृष्ट कार्य किए। इससे पूर्व भी रोशन लाल ने नौलखा स्कूल के लिए विद्यालय भवन के लिए भूमि की व्यवस्था, पुराने विद्यालय के लिए शौचालय, रसोई घर, चार दीवारी आदि अनेक कार्य किए जिसके लिए उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक मंडी ने सम्मानित भी किया है।
मानसिक व शारिरिक विकास के लिए हमेशा प्रयासरत
विद्यालय की प्रभारी शबनम सैनी ने कहा की रोशन लाल शास्त्री कर्मठ और मेहनती (Diligent and hard-working) अध्यापक है। विद्यालय में इनकी कार्यशैली सबसे भिन्न है। ये हमेशा बच्चों के बीच रहकर नई नई चीजें सिखाते रहते हैं। बच्चों के मानसिक व शारिरिक विकास (mental and physical development) के लिए हमेशा प्रयासरत रहते है। इन्होंने लोगों के साथ विद्यालय की भूमि की समस्या का भी निदान किया।
-नितेश सैनी