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शीतकालीन सत्र को जनता की उम्मीदों का बसेरा बनाने धर्मशाला आएगी सुख सरकार
Last Updated on December 18, 2023 by sintu kumar
कलम की आंख में तैरता हुआ सपना होगा, जिंदा नसल के लिए कुछ नया रचना होगा। बारिश में भीगने का आनंद मिले तभी,आज कडकती धूप में चलना होगा। इस पहाडी प्रदेश को आगे ले जाना है तो शिमला से बाहर आना ही होगा। ये पंक्तियां सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर सटीक बैठती नजर आ रही है, चूंकि सीएम सुक्खू 18 दिसंबर से अगले छह दिन धर्मशाला में ही बिताएंगे। यही से विधानसभा का शीतकालीन सत्र चलेगा तो सुबह-शाम निचले हिमाचल के लोगों को सरकार नजदीक से दिखेगी। शिमला-धर्मशाला के बीच की दूरी 19 दिसंबर को कम हो जाएगी, जब धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र नई कसौटियों व नई आशाओं के बीच शुरू हो जाएगा। कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इस परंपरा को जमीनी सच भी कबूल करता है, क्योंकि वर्ष 1996 में धर्मशाला का शीतकालीन प्रवास बाहर निकलकर 2005 में शीतकालीन सत्र तक पहुंच गया।
वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही धर्मशाला में शीतकालीन सत्र की प्रथा डालकर प्रदेश के मानचित्र पर संवेदनाओं का डेरा डालना शुरू किया। अब सुख की सरकार इस शीतकालीन सत्र से कितनी विशाल बनकर निकलती है,यही इस सत्र की कसौटी होगी। क्योंकि प्रदेशभर के मुद्दों का बारीकी से विश्लेषण इस शीतकालीन सत्र में भी शिमला में नहीं धर्मशाला में होगा। 19 से 23 दिसंबर तक जितने घंटे विस का सत्र धर्मशाला के तपोवन में चलेगा वही घंटे जनता में संदेश देने के लिए सालभर असर करते रहेंगे। अढ़ाई सौ किलोमीटर का सफर तय कर शिमला से धर्मशाला पहुंचने वाली विस इन दोनों नगरों के बीच की दूरी को भी कम करती दिखाई देगी। तापमान की ठंडक तो धर्मशाला में भी झेलनी पड़ेगी पर शिमला बस अड्डे की सर्द हवाओं से आम जनमानस बचा-बचा दिखेगा। कुल मिलाकर सुख सरकार इस शीतकालीन सत्र को जनता की उम्मीदों का बसेरा बनाने धर्मशाला आएगी।