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हिमाचल की आर्थिक स्थिति पर जल्द व्हाइट पेपर लाएगी सुक्खू सरकार
शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र लाएगी। प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़, आत्मनिर्भर और कर्ज व फिजूलखर्ची को रोकने को लेकर विधायक राजेंद्र राणा, राजेश धर्माणी, सुरेश कुमार, केवल सिंह पठानिया और चंद्र शेखर द्वारा नियम 130 के तहत लाए गए संयुक्त प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में सीएम ने कहा कि आज प्रदेश के हर नागरिक पर 92833 रुपए का कर्ज है। प्रदेश की वित्तीय हालत यह है कि सरकार को विधायक क्षेत्र विकास निधि की अंतिम किस्त को भी रोकना पड़ा है।
डीए की तीन किस्तें भी सरकार अभी तक नहीं दे पाई
सीएम ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में खोले गए संस्थानों को चलाने का फैसला लेती तो इन्हें पूरी तरह खोलने में अगले चार साल लग जाते और ऐसा करने पर सरकार के पास एक माह बाद कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं होते। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों की छठे वेतन आयोग की इस समय 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की देनदारी लंबित है। इसके अलावा डीए की तीन किस्तें भी सरकार अभी तक नहीं दे पाई है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय प्रदेश के लिए आर्थिक रूप से और भी विकट होने वाला है, क्योंकि वर्ष 2025-26 में केंद्र से राजस्व घाटे के अनुदान के रूप में मिलने वाली राशि घटकर 3 हजार करोड़ रुपए रह जाएगी।
हमारे पास आय के संसाधन कम
सीएम ने कहा कि हमारे पास आय के संसाधन कम हैं, लेकिन संसाधनों का उचित उपयोग कर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का मौजूदा बजट हिमाचल के वातावरण, जलवायु, सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर पेश किया गया है और इसमें केंद्र का कोई हिस्सा नहीं है। इससे पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रस्ताव पेश करते हुए प्रदेश की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई और इसे सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने का सुझाव दिया। चर्चा में विधायक चंद्र शेखर, रणधीर शर्मा और भवानी सिंह पठानिया ने भी अपने-अपने सुझाव दिए।
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