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आईआईटी मंडी में 17 करोड़ से स्थापित होगा सुपर कंप्यूटर, MOU साइन
मंडी। आईआईटी मंडी में 17 करोड़ की लागत से सुपर कंप्यूटर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार द्वारा अधिकृत की गई सीडैक यानी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग पुणे के साथ आज वर्चुअल माध्यम से एमओयू साइन हो गया। यह सुपर कंप्यूटर भारत सरकार के नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन में अपनी अहम भूमिका निभाएगा। आईआईटी मंडी में आने वाले 4 से 6 महीनों के भीतर इसके लिए एक विशेष कमरा स्थापित कर दिया जाएगा, जिसके बाद इसकी सारी मशीनरी यहां स्थापित करके उसे सर्वर के साथ जोड़कर इसके विधिवत रूप से शुरू कर दिया जाएगा। यह सुपर कंप्यूटर आईआईटी मंडी के शोधकार्यों में काफी सहायक सिद्ध होगा।
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वहीं वायरस पर शोध करने और उसकी दवाओं का निर्माण करने, मौसम की सही जानकारी हासिल करने, भारी भरकम मशीनरी को डिजाइन करने और रिसर्च वर्क में इस सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा सकेगा। आईआईटी मंडी में स्थापित होने वाले सुपर कंप्यूटर की क्षमता 650 टीएफ होगी। इससे जटिल से जटिल कार्य और शोध आसानी से किए जा सकेंगे, क्योंकि इसकी क्षमता और रफ्तार लाखों गुणा अधिक होगी। देश के अन्य आईआईटी और शिक्षण व शोध संस्थानों में इस प्रकार के सुपर कंप्यूटर स्थापित किए गए हैं और इसी कड़ी में अब आईआईटी मंडी का नाम भी जुड़ने जा रहा है।
एमओयू पर प्रो. अजीत के चतुर्वेदी निदेशक आईआईटी मंडी और डॉ. हेमंत दरबारी महानिदेशक सी-डैक भारत ने एक वर्चुअल आयोजन में हस्ताक्षर किए। इस मौके पर संजय धोत्रे राज्य मंत्री (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संचार) और प्रोफेसर आशुतोष शर्मा सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार मौजूद रहे। एमओयू पर पांच साल की अवधि के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं और आपसी सहमति से इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है।
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