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सुप्रीम कोर्ट की Central Vista Project को हरी झंडी, नए संसद भवन निर्माण का रास्ता साफ
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सरकार के 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central vista project) को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी व अन्य मंजूरी में कोई खामी नहीं है। ऐसे में सरकार अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ सकती है। कोर्ट (Supreme Court) ने आगे कहा कि लैंड यूज बदलने में भी कोई खामी नहीं है। प्रोजेक्ट एरिया में स्मॉग टावर लगाने को कहा गया है।
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केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को कई याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी। इन याचिकाओं में कहा गया था कि बिना उचित कानून पास किए इस परियोजना को शुरु किया गया है। इसके लिए पर्यावरण मंजूरी लेने की प्रक्रिया में भी कई कमियां है। हजारों रुपए की यह परियोजना केवल सरकारी धन का बर्बादी है। हालांकि केंद्र सरकार (Central government) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 20 हजार करोड़ रुपये का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पैसे की बर्बादी नहीं है, बल्कि इससे धन की बचत होगी। इस प्रोजेक्ट से सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपये की बचत होगी, जो फिलहाल दस इमारतों में चल रहे मंत्रालयों के किराये पर खर्च होते हैं साथ ही इस प्रोजेक्ट से मंत्रालयों के बीच समन्वय में भी सुधार होगा।
इस मसले पर जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देते समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की स्वीकृति आवश्यक है। कोर्ट ने हेरिटेज कमेटी से अनुमोदन लेने का निर्देश दिया है।