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SC में 13 सितंबर को EWS कोटे की सुनवाई, तीन मुद्दों पर होगी चर्चा
Last Updated on September 8, 2022 by Neha Raina
ईडब्ल्यूएस कोटे पर दर्ज याचिका पर अब 13 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होने वाली है। सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाले ईडब्ल्यूएस कोटे पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने तीन मुद्दे सुझाए हैं। इन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में विचार किया जाएगा।
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बता दें कि कई याचिकाओं में ईडब्ल्यूएस (EWS) कोटे की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस यूयू ललित का कहना है कि सबसे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के सुझाए गए तीन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। केके वेणुगोपाल ने पहला सुझाव में कहा है कि जो 103वां संशोधन इसके लिए किया गया है क्या उससे संविधान के मूलभूत ढांचे का उल्लंघन होता है। इसमें खासतौर पर राज्यों को आरक्षण के लिए विशेष प्रावधान के तहत अनुमति देने पर भी विचार किया जाएगा।
इसके अलावा कोर्ट में इस पर भी विचार होगा कि क्या इस कानून से राज्य सरकारों को निजी संस्थानों में दाखिले के लिए जो ईडब्ल्यूएस कोटा तय करने का अधिकार दिया गया है, वे संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ है या नहीं। वहीं, ईडब्ल्यूएस कोटे से अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी वर्ग के लोगों को बाहर किया जाना क्या संविधान का उल्लंघन है या नहीं। इन सभी मुद्दों 13 सितंबर से चर्चा शुरू हो जाएगी।
फैसले को दी गई थी चुनौती
गौरतलब है कि ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 103वें संविधान संशोधन के तहत सरकार को ये अधिकार दिया गया था कि वे आर्थिक आधार पर उच्च शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था कर सके।
वहीं, इस फैसले को चुनौती दी गई थी। जिस पर जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय बेंच सुनवाई करेगी।
गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण
बता दें कि केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संसद से संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दिलाई थी। मोदी सरकार के इस फैसले की बड़े वर्ग ने सराहना की थी। हालांकि, एक तबका ऐसा भी था, जिसने इस आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया था।