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SC : जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों से जुड़े आदेशों को सार्वजनिक करे सरकार, 7 दिन के अंदर Review
Last Updated on January 10, 2020 by
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि धारा 144 का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है, बेहद जरूरी हालात में ही इंटरनेट को बंद किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि धारा 144 को अनंतकाल के लिए नहीं लगा सकते हैं, इसके लिए जरूरी तर्क होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ राज्य सरकार को आदेश (Order) दिए हैं कि वह तुरंत ई-बैंकिंग और ट्रेड सर्विस को शुरू करे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार इंटरनेट पर पाबंदी, धारा 144, ट्रैवल पर रोक से जुड़े सभी आदेशों को सार्वजनिक करना होगा।
इसके साथ ही 7 दिन के अंदर इन फैसलों का रिव्यू करने (Review of decisions) का आदेश दे दिया है। राज्य सरकार की ओर से जो फैसले सार्वजनिक किए जाएंगे, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है जो सरकार के फैसलों का रिव्यू करेगी और सात दिन के अंदर अदालत को रिपोर्ट सौपेंगी। राज्य सरकार की ओर से जो फैसले सार्वजनिक किए जाएंगे, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है जो सरकार के फैसलों का रिव्यू करेगी और सात दिन के अंदर कोर्ट को रिपोर्ट सौपेंगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कश्मीर (Kashmir) में बहुत हिंसा हुई है। हम सुरक्षा के मुद्दे के साथ मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को संतुलित करने की पूरी कोशिश करेंगे। इंटरनेट पर एक समयसीमा तक ही रोक लगना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यह कोई संदेह नहीं है कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में बोलने की स्वतंत्रता अनिवार्य तत्व है। इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत एक मौलिक अधिकार है।