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Lockdown में पत्रकारों की छंटनी पर Supreme Court ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लॉकडाउन (Lockdown) में कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा पत्रकारों को नौकरी से निकालने, वेतन कटौती और बिना वेतन उन्हें छुट्टी पर भेजने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। बता दें कि पत्रकारों के संगठनों का आरोप है कि इन मीडिया संस्थानों ने कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को नौकरी से हटाने, वेतन में कटौती करने और उन्हें बिना वेतन के छुट्टी पर जाने के नोटिस दिये हैं।
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न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने पत्रकारों के तीन संगठनों की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र, इंडियन न्यूजपेपर्स सोसायटी, द न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन को नोटिस जारी किये। जस्टिस एनवी रमन्ना, एसके कौल और बीआर गवई की बेंच ने कहा कि नेशनल एलायंस ऑफ जर्नलिस्ट, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और बृहन्मुंबई यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट द्वारा संयुक्त रूप से दायर याचिका, ‘कुछ गंभीर मुद्दों’ को उठाती है, जिस पर सुनवाई की आवश्यकता है।
अदालत ने कहा, ‘और भी यूनियन यही कह रही है। सवाल है कि अगर व्यवसाय नहीं शुरू होता है तब लोग कितने समय तक टिके रह पाएंगे?’ केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इस समय सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं किया जाये। इस पर पीठ ने कहा, ‘ये मामले ऐसे हैं जिन पर सुनवाई की आवश्यकता है और इसमें कुछ गंभीर मुद्दे उठाये गये हैं।’ याचिका में कहा गया है कि पीएम तक ने कर्मचारियों की सेवायें समाप्त नहीं करने या उनके वेतन में कटौती नहीं करने की अपील की है। याचिका में लॉकडाउन के दौरान कुछ मीडिया घरानों द्वारा अपने कर्मचारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी भी दी गयी है।