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गौ रक्षकों की गुंडागर्दी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने गौ रक्षकों (Cow Vigilantes) की दादागीरी और मुसलमानों के साथ मार-पीट के मामले में फिर से कड़ा रुख अपनाते हुए सभी राज्यों को नोटिस भेजा है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) की महिला शाखा नैशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन विमेन (NFIW) ने सुप्रीम कोर्ट से शिकायत की है कि 2028 के कोर्ट के फैसले के बावजूद देश में गौ रक्षकों की गुंडागर्दी बढ़ रही है। इसी शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी प्रदेशों को नोटिस (Notice Sent to Every State) भेजकर जवाब मांगा है।
हेट क्राइम और हिंसा बढ़ने का दावा
सुप्रीम कोर्ट ने इस शिकायत पर संज्ञान लिया है कि देशभर में गौ रक्षक समूहों के हेट क्राइम (Hate Crime) और मुसलमानों की कथित हत्याएं बढ़ रही हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल नैशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमेन की तरफ से पेश हुए। उन्होंने जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ को बताया कि ‘मांस और पशुओं को ले जाने वाले लोगों’ को सतर्कता समूहों (Vigilant Groups) द्वारा पीटा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस भी घायल व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करती है, जिससे वही आरोपी भी बन जाते हैं।
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और छह राज्यों- महाराष्ट्र, ओडिशा, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश से जनहित याचिका (PIL) पर जवाब मांगा था, जिसमें दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के बावजूद मुसलमानों के खिलाफ हत्याओं के मामलों में ‘खतरनाक वृद्धि’ हुई है। इसमें राज्यों को हेट क्राइम्स के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।