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क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने से पहले पढ़ लें यह खबर, सरकार ले रही यह फैसला
नई दिल्ली। पिछले दिनों संसद (Parliament) में पेश हुए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पर टैक्स लगाने का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद क्रिप्टो की पूरी दुनिया (World) ही हिल गई है। इससे इनवेस्टर्स और ट्रेडिंग कराने वाले एक्सचेंजों के लिए कहीं खुशी तो कहीं गम जैसे हालात बन गए है। क्रिप्टो (Crypto) से होने वाले मुनाफै पर 30 फीसदी टैक्स (Tax) की मार पड़ गई है। वहीं, टेंडिंग करने पर एक फीसदी टीडीएस देना पड़ेगा। इन्वेटर्स इसी बात से दुखी हैं तो वहीं एक्सचेंजों (Exchanges) का दर्द दूसरा है। एक्सचेंज परेशान हैं कि एक फीसदी टीडीएस (TDS) उनके लिए उलझने और बढ़ाने वाला है। अब इन प्लेटफॉर्म्स पर ज्यादातर निवेशक ऐसे भारतीय हैं जो समंदर पार रहते हैं। अब कानून कहता है कि ऐसे निवेशकों पर 2 फीसदी इक्विलाइजेशन टैक्स भी बनता है। बस यहां से ही एक्सचेंजों की उलझन बढ़ी हुई हैं। इसी वजह से क्रिप्टो एक्सचेंज चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द टैक्स के मसले पर तस्वीर पूरी तरह से साफ कर दे।
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क्या है सरकार की तैयारी
सरकार का इरादा पहली अप्रैल से पहले इस मामले में स्पष्ट टैक्स रूल्स (Tax Rules) पेश करने का है। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को इतना व्यापक बनाने का है, ताकि भविष्य की कोई भी डिजिटल एसेट इसके बाहर न रहे। खैर, बजट में टैक्स लगने से एक्सचेंज इस बात को लेकर भी रिलेक्स हैं, कि अब टैक्स लग गया तो सरकार क्रिप्टो को कम से कम बैन नहीं करेगी। निवेशक धड़ाधड़ एक्सचेंजों पर खुद को रजिस्टर्ड (Registered) करा रहे हैं। निवेशकों की बढ़ती संख्या से उत्साहित एक एक्सचेंज ने तो क्रिप्टो में एसआईपी (SIP) भी उतार दी है। यानी हर महीने थोड़ा.थोड़ा पैसा लगाकर क्रिप्टो खरीदते रहिए।
इथेरियम ब्लॉकचेन के लिए एक सेकेंडरी स्केलिंग सॉल्यूशन पॉलीगॉन की नींव रखने वाले 3 भारतीयों को 45 करोड़ डॉलर की फंडिंग (Funding) भी मिल गई है। यानी बड़े निवेशक भी क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों पर बुलिश बने हुए हैं। क्रिप्टो की खलबली से उलट रिजर्व बैंक तेजी से अपनी डिजिटल करेंसी लांच करने की तैयारी में जुटा हुआ है। आरबीआई (RBI) को लग रहा है कि डिजिटल करेंसी आएगी तो नोट छापने का उसका खर्च काफी कम रह जाएगा।