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NUCLEAR REACTION: सूर्य का अस्तित्व होगा खत्म, पृथ्वी पर छाएगा अंधेरा
Last Updated on January 12, 2022 by admin
धरती पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य है। पूरे विश्व को सूरज से रोशनी मिलती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बात का खुलासा किया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा। वैज्ञानिकों ने सूर्य के जीवन की अंतिम तारीख तय की है। यकीन कर पाना मुश्किल है, लेकिन यही सच है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य के जीवनचक्र की गणना के लिए उसमें हो रहे न्यूक्लियर रिएक्शन (Nuclear Reaction) को आधार माना है। वैज्ञानिकों ने बताया कि अगले 5 बिलियन सालों में सूर्य का जीवन खत्म हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने रिएक्शन को आधार मानकर सूर्य के जीवनकाल की अंतिम तारीख तय गई है।
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सूर्य के अस्तित्व का राज
वैज्ञानिकों के अनुसार, साल 1930 से पहले सूर्य की ऊर्जा का केंद्र सेंटर ऑफ ग्रेविटी (Centre of Gravity) को माना जाता था, लेकिन बाद में जानकारों ने पता लगाया कि सूर्य की शक्ति का केंद्र गुरुत्वाकर्षण बल यानी सेंटर ऑफ ग्रेविटी नहीं बल्कि न्यूक्लियर रिएक्शन है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस दिन न्यूक्लियर रिएक्शन की शक्ति खत्म हो जाएगी, सूर्य भी जलकर राख हो जाएगा और पूरी धरती पर अंधेरा ही अंधेरा हो जाएगी। जिसके चलते पृथ्वी पर जीवन का खत्म हो जाएगा।
ब्राह्मंड का बड़ा तारा
वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारे सोलर सिस्टम (Solar System) का केंद्र सूर्य ही है। सूर्य ही धरती पर ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत है। उनका मानना है कि ब्रह्मांड में सूर्य से 100 गुना बड़े तारे मौजूद हैं।
गौरतलब है कि जब धरती पर रोशनी की किरणें आती हैं तो पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करके अपना भोजन बनाते है। धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतु का जीवन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर है। दूनिया के जीवों का अस्तित्व रोशनी पर निर्भर करता है। रोशनी की कमी के चलते पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा और पानी का वाष्पीकरण भी नहीं होगा। इतना ही नहीं प्रकाश के बिना पेड़-पौधे अपना भोजन नहीं बना पाएंगे और ऐसा होने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा, जिससे सभी जीव-जंतुओं का जीवन संकट में पड़ जाएगा।