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ऊना। कांगड़ा केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Kangra Central Co-operative Bank Limited) गगरेट पंजाबर व गोंदपुर बनेहड़ा की शाखाओं में श्रृंखलाबद्ध तरीके से हुए पॉलीहाउस लोन घोटाले (Polyhouse loan scam) में विजिलेंस ऊना ने आज दूसरा केस दर्ज करके 3 लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया है। मार्च 2020 में केसीसी बैंक के द्वारा इन घोटालों की जांच के लिए विजिलेंस को एक शिकायत पत्र सौंपा गया था, जिस पर जांच शुरू करते हुए विजिलेंस बैंक शाखा गगरेट द्वारा जारी फर्जी लोन में 26 सितंबर को एफआईआर (FIR) दर्ज करके आज 3 गिरफ्तारियां की हैं। इसमें पॉलीहाउस घोटाला श्रृंखला का मास्टर माइंड कुलदीप चंद भी शामिल है।
16 मार्च 2015 को केसीसी की शाखा गगरेट से पॉलीहाउस का 15 लाख का लोन फर्जी तरीके से बलविंदर सिंह पुत्र भूपेंद्र सिंह गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां के नाम जारी किया गया, उसी दिन इस लोन का 11 लाख 26 हजार रुपये मैनेजर व कुलदीप चंद्र की मिलीभगत से मदनलाल पुत्र देवराज गांव प्रताप नगर तहसील अंब के खाते में डाल कर निकाल लिया गया। इसके बाद 31 मार्च 2015 को बचा हुआ 374000 रुपये भी दिनेश कुमार पुत्र अनंतराम गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां तहसील गगरेट के खाते में डाल कर गबन कर लिया गया। बलविंदर सिंह को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और ना ही पॉलीहाउस बनाया, उसके नाम का 15 लाख का लोन गबन कर दिया गया, जोकि करीब 23 लाख रुपये उसके नाम से खड़ा है।
कुलदीप चंद व मैनेजर ने बलविंदर सिंह के नाम से एक और लोन 5 लाख का केसीसी बैंक की शाखा गोंदपुर में फर्जी तरीके से शटरिंग खरीदने के नाम पर जारी करके गबन कर दिया। इसके बारे में भी बलविंदर सिंह को बाद में पता चला, जब उसे बैंक से नोटिस आने लगे। बलविंदर सिंह को कुलदीप चंद द्वारा यह कह कर बैंक में लाया गया कि उसे सरकार की सब्सिडी स्कीम (Subsidy scheme) के तहत लोन दिलाया जाएगा। सरकार 80 फीसदी सरकार सब्सिडी देगी। यह कहकर कुलदीप चंद व मैनेजर ने उससे लोन के सभी कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लिए, लेकिन सब्सिडी के तहत लोन की प्रक्रिया ना करके साधारण वर्ग में लोन जारी करके गबन कर दिया गया व पैसे की बंदरबांट की गई। मदनलाल तथा दिनेश कुमार उपरोक्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा।
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