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शिमला। लगातार बारिश (Rain) और बर्फबारी (Snowfall) के बाद सोमवार को बेशक मौसम साफ हो गया, लेकिन लोगों की परेशानी अभी कम नहीं हुई हैं। प्रदेश भर में अब भी पांच नेशनल हाईवे (National Highway) समेत 774 सड़कें ठप हैं। 600 बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से हजारों गांवों में ब्लैक आउट (Black Out) हो गया है। जल स्रोत और पानी की 249 परियोजनाएं जम जाने से जल संकट गहरा गया है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) के 450 रूट ठप हैं। मनाली (Manali) में भारी हिमपात होने से घर लौटने वाले सैकड़ों सैलानी (Tourists) जगह-जगह फंस गए हैं। सोलंगनाला (Solanganala) और नेहरूकुंड समेत अन्य क्षेत्रों में भी पर्यटक फंसे हुए हैं। कुल्लू (Kullu) में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। सोमवार को राजधानी शिमला तक पहुंचने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंडी (Mandi) चंडीगढ़ एनएच बाधित रहने से हीरानगर और संकट मोचन से कई किलोमीटर पैदल चलकर लोग शहर में पहुंचे।
सोमवार को शिमला (Shimla) में दूध-ब्रेड और अखबारों की सप्लाई भी देरी से पहुंची। तीसरे दिन भी राजधानी का अपर शिमला, रामपुर, किन्नौर से संपर्क कटा हुआ है। शिमला शहर में भी दिनभर बस सेवा बाधित रही। हजारों पर्यटक शहर की सड़कों पर जगह-जगह बर्फ में फंसते रहे। प्रदेश में मंगलवार से मौसम साफ रहने के आसार हैं। 13 जनवरी तक मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर कोटी टनल के समीप चट्टान सड़क के बीचोंबीच गिर गई। गनीमत यह रही कि कोई वाहन इसकी चपेट में नहीं आया। पांवटा-शिलाई एनएच-7 पर भी भूस्खलन से सैकड़ों वाहन फंसे रहे।
पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण एक बार फिर से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे मंडी जिला में सात मील के पास पूरी तरह से बंद हो गया है। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से ट्रेफिक को अन्य वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट कर दिया है, लेकिन बड़े वाहन अभी भी जाम में फंसे हुए हैं। रात भर हाई-वे के खुलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। जहां पर पत्थर गिरे हैं, वहां पहाड़ी से और पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है । इस कारण अभी मलबा हटाने का कार्य नहीं किया जा रहा है। शाम करीब पांच बजे सात मील के पास पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला शुरू हुआ और सात बजे बड़े.बड़े पत्थर पहाड़ी से आ गिरेए जिस कारण हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया।
मंडी से मनाली की तरफ जा रहे वाहनों को वाया शिवाबदार भेजा जा रहा है, जबकि कुल्लू की तरफ से आ रहे वाहनों को पंडोह से वाया गोहर-चैलचौक भेजा जा रहा है, लेकिन इसमें भी छोटे वाहन ही भेजे जा रहे हैं, जबकि बड़े वाहन जाम में ही फंसे हुए हैं। एसपी (SP) मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने पुष्टि करते हुए बताया कि अंधेरा होने के कारण हाई-वे पर गिरे मलबे को नहीं हटाया जा पा रहा है। सुबह होते ही तुरंत प्रभाव से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा और हाई-वे को जल्द से जल्द बहाल करने का प्रयास किया जाएगा।
बता दें कि मंडी जिला में फोरलेन निर्माण कार्य हो रहा है और सात मील के पास ऐसा स्पॉट बन गया है, जहां पर की गई कटिंग के कारण हर समय पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं। यहां आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। फोरलेन निर्माण के लिए की गई कटिंग के कारण ही यहां बार-बार हाईवे बंद हो रहा है, जिस कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शिकारी देवी 210
कमरूनाग 150
बारालाचा 140
कुंजुम दर्रा 120
रोहतांग 100
अटल टनल 70
जलोड़ी दर्रा 60
भरमौर 60
सोलंगनाला 50
शिलारू 45
मनाली 37
जंजैहली 31
शिमला 30
मनाली 30
केलांग 24
कुफरी 20
न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
केलांग -6.2
कल्पा -3.8
कुफरी -3.2
डलहौजी -2.1
मनाली -0.4
शिमला -0.3
सोलन 1.2
धर्मशाला 2.2
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