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संयुक्त राष्ट्र ने चेताया- कोरोना के चलते दुनिया भर में अभी और बढ़ेगी बेरोजगारी
कोरोना महामारी ने सीधे- सीधे लोगों की रोजी-रोटी पर असर डाला है। भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोगों के रोजगार छिन गए हैं। ऐसे में भारी संख्या में लोग बेरोजगार ( unemployed) हुए हैं। बेरोजगारी के संकट पर संयुक्त राष्ट्र ( United Nations)अपनी चिंता जताई है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization ) की एक रिपोर्ट में रोजगार पर महामारी के प्रभाव का विस्तार से विवरण दिया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि रोजगार व राष्ट्रीय आय के क्रम में सभी देश पीछे हो गए हैं। रोजगार और कामकाजी घंटे में कमी से बेरोजगारी का संकट और गहरा हो जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि यदि महामारी का संकट नहीं आता तो दुनिया में 30 करोड़ नए रोजगार के अवसर 2020 में ही पैदा हो जाते।
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इस रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी का असर अगले साल यानी 2022 तक भी रहेगा और ऐसे में 20 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। अभी हालत यह है कि 10.8 करोड़ कामगार गरीब या अत्यंत गरीब की स्रेणी में आ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (ILO) ने ‘विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्य: रूझान 2021 ( World Employment and Social Outlook: Trends 2021 report)’ में कहा है कि महामारी से रोजगार बाजार पर असर हुआ है। इस माहमारी के रोकने क के लिए ठोस नीतिगत प्रयास नहीं किए जा सके। इसलिए अप्रत्याशित तबाही हुई है। ऐसे नहीं है कि इस का असर जल्द खत्म हो जाए। इसके कई वर्षों तक रहने की आशा है। रिपोर्ट में आग कहा है कि 2020 में कुल कामकाजी समय में भी नुकसान देखा गया जो 8.8 फीसदी है। यह समय 25.5 करोड़ पूर्णकालिक श्रमिक के एक साल तक काम करने के बराबर है। इस रिपोर्ट की माने तो कोरोना ने दुनिया भर में उत्पन्न बेरोजगारी की समस्या 2021 में 7.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी और 2022 में यह 2.3 करोड़ होगी।