-
Advertisement
आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने पर सदन में हंगामा, विपक्ष का वॉकऑउट
शिमला। हिमाचल विधान सभा के बजट सत्र के दौरान आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल से पहले विपक्ष ने नियम 67 के तहत सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया। विपक्ष विभिन्न विभागों में कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने पर चर्चा की मांग कर रहा था । विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने प्रस्ताव को नाम मंजूर कर दिया। आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने पर चर्चा ना मिलने पर विपक्ष ने पहले तो सदन के भीतर जबरदस्त नारेबाजी की औऱ उसके बाद सदन से वॉकऑउट कर लिया।
विपक्ष ने नियम 67 के तहत सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया, मांगी चर्चा
इससे पहले सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। सजन में बीजेपी विधायक सुखराम चौधरी, त्रिलोक जमवाल, सुरेंद्र शौरी,रणधीर शर्मा, जनकराज, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार और हंसराज ने आउटसोर्स भर्ती को लेकर चर्चा की मांग की। स्पीकर ने कहा कि बजट सत्र के दौरान आउटसोर्स भर्तियों को लेकर कई प्रश्न लग चुके हैं। तब इस पर चर्चा हो गई। इसलिए अब दोबारा इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। स्पीकर की व्यवस्था से नाखुश विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।
सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने में लगी हैं
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम 67 के तहत विपक्ष ने काम रोको का प्रस्ताव दिया लेकिन यह स्वीकार नहीं किया गया। कांग्रेस ने पांच लाख रोजगार देने का वादा किया था। सरकार ने आउट सोर्स कर्मचारियों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। कोविड काल में सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। जब सवाल पूछे जा रहे हैं तो सरकार इसका उत्तर देने में असमर्थ है। सरकार पिछले सरकार में लगे आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने में लगी हैं। राजनीतिक मकसद से फैसले लिए जा रहे हैं। सीएम सदन में नहीं है। सीएम संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध अपने राष्ट्रीय नेता की जमानत के लिए गुजरात गए हुए हैं। विपक्ष यह बर्दास्त करने वाली नहीं है।