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भारत से मिडिल ईस्ट, अमेरिका और यूरोप तक बनेगा रेल और जहाज कॉरिडोर
नई दिल्ली। चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट (BRI Project) को धूल चटाने के लिए भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप मिलकर एक रेल और जहाज कॉरिडोर (Rail And Shipping Corridor) बनाने की तैयारी में है। अमेरिका के उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने इसकी जानकारी दी है। इसे मिडिल ईस्ट कॉरिडोर (Middle East Corridor) का नाम भी दिया जा सकता है।
शनिवार सुबह पत्रकारों से बात करते हुए फाइनर ने कहा कि यह परियोजना एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करेगी। साथ ही उन्होंने इसे उच्च मानक, पारदर्शी और टिकाऊ करार दिया है। यह पहल पश्चिम एशिया में जो बाइडेन प्रशासन की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के तीन क्षेत्रों को जोड़ने वाले कॉरिडोर (Connecting 3 Areas of the World) से समृद्धि बढ़ेगी। यह कम और मध्यम आय वाले देशों के बीच व्यापक बुनियादी ढांचे के अंतर को भर देगा। फाइनर ने कहा, ”हमारा दृष्टिकोण तनाव को कम करने, संघर्षों को कम करने और क्षेत्र में स्थिरता लाने का है। हम कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। रेलवे और शिपिंग परियोजना पूरी तरह से उसी के अनुरूप है।”
चीन का विरोध?
चीन के BRI के साथ विरोधाभास के बारे में पूछे जाने पर फाइनर ने इसे सकारात्मक एजेंडा करार दिया। उन्होंने कहा, ”यह शून्य राशि नहीं है। हम देशों से शून्य राशि विकल्प चुनने के लिए नहीं कह रहे हैं। यह एक उच्च मूल्य वाला प्रस्ताव है। हम सदस्य देशों के ऊपर इसे थोप नहीं रह रहे हैं।”
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