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Uttarakhand में आफत: देहरादून-मसूरी मार्ग का 50 मीटर हिस्सा धंसा, उफान पर मसूरी का कैंपटी फॉल
Last Updated on August 11, 2020 by Deepak
देहरादून। उत्तराखंड (Uttarakhand) में दो दिन से रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कई जगहों पर तो बारिश लोगों पर आफत बनकर गिरी है। भारी बारिश से पहाड़ों पर जगह-जगह भूस्खलन (Landslide) हो रहा है। इस कारण तो कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इस बीच देहरादून–मसूरी रोड (Dehradun-Mussoorie Road) का करीब 50 मीटर हिस्सा धंस गया। आज सुबह छोटे वाहनों की आवाजाही तो खोल दी गई है लेकिन, चौपहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। मसूरी-देहरादून मार्ग स्थित पानी वाले मोड पर भूस्खलन की वजह से रास्ता बंद हो गया है। रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ
बारिश से हुए भूस्खलन के कारण राज्य की 175 सड़कें बंद हो गई। मैदानी इलाकों में तो कई जगहों पर बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर, देहरादून, चमोली जैसे कई जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इस सब के बीच मसूरी के पास ऐतिहासिक पर्यटन स्थल कैंपटी फॉल (Campty fall) उफान पर है। यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन होने से भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। जलस्तर बढ़ने से कैंपटी फॉल अपने रौद्र रूप में है। कैंपटी फॉल व आसपास की कई दुकानों में पानी घुस गया है। दुकानदारों का सारा समान क्षतिग्रस्त भी हुआ है।
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पुलिस और प्रशासन द्वारा कैंपटी फॉल के आसपास के सभी दुकानों में रह रहे लोगों को हटा दिया गया है व सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं, पिथौरागढ़ जिले की गोरी नदी में बनी झील का आकार बढ़कर डेढ़ किमी से अधिक हो गया है। यदि एक साथ यह झील टूटी तो घुरुड़ी से झूलाघाट तक की करीब पांच हजार की आबादी को खतरा पैदा हो सकता है। मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 12 से 14 अगस्त तक देहरादून, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।