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वीरभद्र पर की टिप्पणी पर गरमाया माहौल, विक्रमादित्य बोले-खलड़ी में रहें वन मंत्री
शिमला। हिमाचल विधानसभा में शनिवार को सदन उस समय गरमा गया, जब विक्रमादित्य सिंह ने अपने दिवंगत पिता पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के खिलाफ की गई टिप्पणी का जवाब दिया।
शनिवार को प्रश्नकाल समाप्त होते ही शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह (MLA Vikramaditya Singh) ने सदन में प्लाइंट ऑफ आर्डर के तहत यह मामला उठाया और सीधे तौर पर उन्होंने वन मंत्री राकेश पठानिया को अपनी खलड़ी में रहने की नसीहत दे डाली। सदन में वन मंत्री की ओर से उनके पिता पर की गई टिप्पणी का जवाब पहाड़ी भाषा में देते हुए कहा कि ‘मंत्री अपनी खलड़ी में रहें’। मंत्री अपने काम पर ध्यान दें। मंत्री छह बार सीएम रहे वीरभद्र सिंह पर असम्मानजनक टिप्पणी ना करें।
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विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार के सीएम रहे हैं और अब इस दुनिया में नहीं हैं , ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी । उन्होंने कहा कि वन मंत्री ने सदन के अंदर वीरभद्र सिंह को लेकर ईडी और सीबीआई रेड को लेकर टिप्पणी की थी। इस को लेकर उन्होंने अपने अधिवक्ताओं से भी बात की ओर मानहानि का मामला दर्ज करवाना चाह रहे थे लेकिन सदन में उन्होंने यह टिप्पणी की थी तो आज उसको देखते हुए ही विधानसभा के अंदर ही मामला सीएम के ध्यान में लाया गया और अपने मंत्रियों पर लगाम लगाने की मांग उनसे की गई। उन्होंने कहा कि वन मंत्री से अपना विभाग को संभाला नहीं जाता और वह दूसरों पर टिप्पणियां कर रहे हैं। वन मंत्री के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है उनके परिवार दशकों से प्रदेश की जनता की सेवा कर रहा है और आज भी एक तिहाई हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ऐसे में उनके परिवार को मंत्री के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है । उन्होंने कहा कि वन मंत्री के एक एनजीओ और कंपनी की बैंक ने कुर्की कर दी और ब्लैक लिस्ट कर दी है वह उसके बारे में ध्यान रखे। दूसरों पर टिप्पणी ना करें वहीं विक्रमादित्य सिंह ने सीएम जयराम ने भी सदन में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह पर इस तरह की टिप्पणी ना करने की अपने मंत्रियों को नसीहत देने की मांग की।
वन मंत्री राकेश पठानिया ने दिया जवाब
वहीं, विक्रमादित्य सिंह के बयान पर वन मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने कहा कि वह मंत्री का नाम लें। इन्हें नाम लेने में क्या दिक्कत है। कोई किसी से डरता नहीं है। सब जानते हैं कि किसको किसकी खलड़ी में रहना है। विक्रमादित्य भी अपनी खलड़ी में रहें। वहीं सदन में गरम हो चुके माहौल के बीच नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कहा, मंत्री जी! आप सॉरी फील करें। वीरभद्र कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे। उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है।
सीएम जयराम बोले-कुछ बातों को इग्नोर करना चाहिए
सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि जब वह सदन में नहीं थे तो यहां यह घटना हुई थी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अगर एक व्यक्ति को बात कहने का हक है तो दूसरे को भी है। वीरभद्र सिंह को सब सम्मान देते थे। इस तरह की बातों को इग्नोर करना चाहिए। विक्रमादित्य ने भी खलड़ी में रहने की बात करते हुए जिस तरह से कहा है, उससे भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए।
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