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विक्रमादित्य ने दी अनुराग को बधाई, कहा-कुछ दिन सरहद में गुजारें, पढ़ें क्या है टेरिटोरियल आर्मी
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) टेरिटोरियल आर्मी में कैप्टन पद पर पदोन्नत हुए हैं। कल से अनुराग ठाकुर की आर्मी की वर्दी पहनी तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। अनुराग ठाकुर को बहुत से लोग बधाई भी दे रहे हैं। अब बधाई देने वालों में नया नाम जुड़ा है शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) का। विक्रमादित्य ने अुनराग ठाकुर को बधाई देते हुए फेसबुक पर लिखा कि टेरीटोरियल आर्मी (Territorial Army) मैं कैप्टन के पद पर नियुक्त होने के लिए अनुराग ठाकुर को बधाई और शुभकामनाएं। राजनीतिक विचारधारा भिन्न है और मुद्दों पर आरोप, प्रति-आरोप चलता रहेगा मगर देश के लिए हम सब एक हैं। अनुराग ठाकुर से निवेदन कुछ दिन सरहद पर ज़रूर गुज़ारें, हिमाचल का नाम ऊंचा करें।
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इसके अलावा आज केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने टेरिटोरियल आर्मी में लेफ़्टिनेंट से कैप्टन रैंक की पदोन्नति (Promotion to Captain Rank) के उपरांत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व पूर्व रक्षामंत्री एवं मौजूदा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मुलाकात भी की। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों का मुंह मीठा भी करवाया। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और निर्मला सीतारमण ने अनुराग ठाकुर को कैप्टन रैंक पर पदोन्नत होने पर बधाई दी।
जब से अनुराग ठाकुर के टेरिटोरियल आर्मी में कैप्टन पद प्रमोशन होने की खबर सामने आई है कि अनुगरा ठाकुर आर्मी में कब भर्ती हुए और ये टेरिटोरियल आर्मी आखिर होती क्या है। इसके अलावा भी कई तरह के सवाल लोगों के मन में है। इसलिए आज आपको हम इस खबर में सभी तरह के जवाब देंगे। सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर टेरिटोरियल आर्मी क्या है और इसमें भर्ती कैसे होते हैं।
क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी
प्रादेशिक सेना यानी टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army/TA) भारतीय सेना की एक ईकाई है। सामान्य श्रमिक से लेकर सिविल सर्वेंट तक भारत के सभी 18 से 42 वर्ष तक के नागरिक जो शारीरिक रूप से फिट हैं इसमें भर्ती हो सकते हैं। दरअसल टेरिटोरियल आर्मी देश की रक्षापंक्ति की सेकंड लाइन है। युद्ध के समय फ्रंट लाइन में तैनाती के लिए भी इसका उपयोग होता है। टेरिटोरियल आर्मी के स्वयं-सेवकों को प्रति वर्ष कुछ दिनों का कड़ा सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिए उनकी सेवाएं ली जा सकें।
भारतीय संविधान सभा में सितंबर, 1948 में पारित प्रादेशिक सेना अधिनियम – 1948 के बाद अक्टूबर, 1949 में टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना हुई। इसका उद्देश्य संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व लेना और आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना को सपोर्ट देना तथा इस तरह से पार्ट टाइम ही सही नवयुवकों को देशसेवा का अवसर प्रदान करना है।
बड़ी हस्तियां जो टेरिटोरियल आर्मी में हो चुकी हैं भर्ती
टेरिटोरियल आर्मी के लिए सिर्फ भारतीय नागरिक ही अप्लाई कर सकते हैं। टेरिटोरियल आर्मी में जॉइन करने के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री चाहिए होती है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी 2012 में टेरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट बने थे। ऐसा करने वाले वो पहले मंत्री थे। पूर्व क्रिकेटर एमएस धोनी को 2011 में इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल का रैंक दिया गया था। इसके बाद 2019 में धोनी ने टेरिटोरियल आर्मी की ‘पैराशूट रेजिमेंट’ में दो महीने की ट्रेनिंग भी ली थी। इस वजह से वो वेस्टइंडीज दौर पर नहीं गए थे। अनुराग ठाकुर भी 2016 में टेरिटोरियल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुए थे।
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