- Advertisement -
नई दिल्ली। दिल्ली के निर्भया गैंगरेप और मर्डर मामले (Nirbhaya gang rape and murder case) की दोषी फांसी की सजा को टालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सहित अन्य कई अदालतों से कुछ भी हासिल ना होने के बाद इन दोषियों ने एक नया दांव चला है। दरअसल दोषी विनय शर्मा (Vinay Sharma) के वकील वकील एपी सिंह ने चुनाव आयोग (Election commission) में अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी में कहा गया है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की तो वो ना तो मंत्री थे और ना ही विधायक।
अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और असंवैधानिक है, क्योंकि उस समय दिल्ली में चुनाव के लिए आदर्श चुनाव संहिता चल रही थी। अर्जी में चुनाव आयोग से कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है। दोषी विनय शर्मा के वकील ने आगे बताया कि सत्येंद्र जैन ने 30 जनवरी को अपना साइन व्हाट्स ऐप के जरिए भेजा। विनय की ओर से वकील एपी सिंह ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और चुनाव आयोग से भूलवश ऐसी गलती हुई तो उसमें सुधार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में भी हमने यह दलील नहीं दी थी।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में याचिका इसलिए दाखिल की है क्योंकि 30 जनवरी को दोषी विनय की दया याचिका में दस्तखत की जो बात सामने आई है उसमें सतेंद्र जैन ने दस्तखत नहीं किए थे। बाद में ओएसडी सिसोदिया ने स्क्रीन शॉर्ट के जरिए दया याचिका पर दस्तखत की कॉपी लगा दी। जब वह विधायक ही नहीं थे तो वह होम मिनिस्टर के पद का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। चुनाव आचार संहिता क्या कहती है, आदर्श आचार संहिता क्या कहती है?
- Advertisement -