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हिमाचल से रोजी-रोटी कमाने विदेश गए वीरेंद्र की हार्ट अटैक से हुई मौत, शव को भारत लाना हुआ कठिन
मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर का 39 वर्षीय वीरेंद्र मात्र 2 वर्ष पहले रोजी-रोटी कमाने विदेश (सऊदी अरब के जुबैल) गया था ताकि वह अपने परिवार कि गुजर बसर कर सके लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था। 6 सितंबर को विरेंद्र के साथ बात होने के बाद 7 सितंबर सुबह तबीयत अधिक बिगड़ने के कारण अस्पताल पहुंचाने से पहले ही उनकी ह्रदय गति रुक जाने से मौत हो गई। वीरेंद्र जुबैल में लेबर का कार्य करते थे और परिवार का एकमात्र सहारा थे। वीरेंद्र मूलतः पंजाब के गुरदासपुर जिला के रहने वाले थे और अब अपने पीछे पत्नी, एक 11 वर्षीय बेटा और 15 वर्षीय बेटी छोड़ गए हैं। वीरेंद्र लगभग 40 वर्षों से मंडी जिला के सुंदरनगर में ही रहते थे और विदेश जाने से पूर्व धनोटू में गाड़ियों के शॉकर रिपेयर की वर्कशॉप चलाने का कार्य करते थे। लेकिन अब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है और उनके पास अपना गुजारा करने को लेकर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। परिवार की गरीबी का आलम यह है कि शव को सुंदरनगर तक लाने के लिए भी साधन की उपलब्धता नहीं है।
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वहीं मामले में सुकेत व्यापर मंडल सुंदरनगर ने भी प्रशासन से पीड़ित परिवार की सहायता करने की जोरदार मांग की है। सुकेत व्यापार मंडल के संयोजक सुरेश कौशल ने कहा कि जैसे ही प्रशासन की ओर से निर्देश प्राप्त होंगे तो पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी। वीरेंद्र के शव को भारत लाने की मांग को लेकर पीड़ित परिवार ने एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रामौत्रा को अपनी फरियाद सौंपी है। इस पर एसडीएम धर्मेश ने भी परिवार की यथासंभव सहायता करने का आश्वासन दिया है।
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