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विरोध के बाद vivo ने किया IPL से किनारा; अब नहीं होगी टूर्नामेंट की स्पॉन्सर
Last Updated on August 4, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। चाइनीज मोबाइल मेकर कंपनी विवो (Vivo) इस साल IPL को स्पॉन्सर (sponsor) नहीं करेगी। बतौर रिपोर्ट्स, आईपीएल 2020 के लिए वीवो कंपनी ने स्पॉन्सरशिप टाइटल से अपना नाम वापस ले लिया है। वीवो सिर्फ इस वर्ष के लिए आईपीएल 2020 के स्पॉन्सरशिप टाइटल से हटा है। बता दें कि रविवार को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में फैसला लिया गया था कि चीनी कंपनी के साथ करार नहीं तोड़ा जाएगा। लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग बीसीसीआई के खिलाफ आवाज उठाने लगे थे। अब बताया जा रहा है कि वीवो द्वारा अपने कदम वापस खींचने के बाद बीसीसीआई (BCCI) के सामने नए टाइटल स्पॉन्सरशिप को ढूंढना मुश्किल हो सकता है।
चीन के साथ जारी तनाव के बीच लगातार हो रहा था वीवो का विरोध
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी चीनी मोबाइल कंपनी के स्पॉन्सर बने रहने पर सोमवार को विरोध जताया। इसके एक दिन बाद ही वीवो के स्पॉन्सरशिप से हटने की खबर सामने आई। आरएसएस-संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने सोमवार को कहा था कि लोगों को टी-20 क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि टी-20 क्रिकेट मैचों का आयोजन करने वाली संस्था इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) द्वारा एक चीनी मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाने का फैसला चकित करने वाला है। अपने इस निर्णय से आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीन के जघन्य कृत्य से शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपना अपमान प्रकट किया है।
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वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपए में हासिल किए थे। इससे लीग को हर सीजन में उसे करीब 440 करोड़ रुपए का भुगतान करना था। इस चीनी मोबाइल कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको को हटाया था, जिसकी 2016 में 396 करोड़ रुपए की डील थी। वहीं अब विवो के किनारा कसने के बाद से कई बड़ी कंपनियां आईपीएल 2020 के स्पॉन्सरशिप के लिए तैयार हो सकती है, लेकिन खाली स्टेडियम में होने जा रहे इस टूर्नामेंट के लिए उसी कॉन्ट्रैक्ट पर समझौता होना मुश्किल हो सकता है।