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स्कॉटलैंड से हारकर 48 साल में पहली बार वर्ल्ड कप से बाहर हुआ वेस्टइंडीज
Last Updated on July 2, 2023 by saroj patrwal
नई दिल्ली। स्कॉटलैंड से हारकर वेस्टइंडीज (Scotland Defeated West Indies in WC Qualifier) वर्ल्ड कप से बाहर हो गया है। वर्ल्ड कप के 48 साल के इतिहास में पहली बार वेस्टइंडीज वर्ल्ड कप नहीं खेलेगा। कप्तान शाई होप (Shai Hope) ने कहा कि खिलाड़ियों ने हर बार अपना 100% नहीं दिया। उन्होंने कहा कि तैयारी भी अच्छी नहीं थी।
टीम के पूर्व कप्तान जेसन होल्डर (Jeson Holder) ने कहा कि खिलाड़ियों को इलाकाई मानसिकता से बाहर निकलना होगा। अपने लिए नहीं, बल्कि टीम की तरह एकजुट होकर खेलना होगा। बोर्ड में दिक्कतें हैं। जो हुआ, वो आज नहीं तो कल, होना ही था। होल्डर का इशारा 6 एसोसिएशन से मिलकर बने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (West Indies Cricket Board) की ओर था। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी टीम से पहले अपने एसोसिएशन और इलाके के बारे में सोचते हैं। बता दें कि वेस्टइंडीज बोर्ड में बारबाडोस, गयाना, जमैका, लीवार्ड आईलैंड, त्रिनिदाद & टोबैगो और विंडवार्ड आईलैंड आते हैं। वेस्टइंडीज को स्कॉटलैंड ने क्वालिफायर मुकाबले में 7 विकेट से हराया। वेस्टइंडीज ने 182 रन का आसान टारगेट दिया था। जिसे स्कॉटलैंड ने 43वें ओवर में ही हासिल कर लिया।
कप्तान होप ने कहा- हमने खराब खेला
शाई होप ने कहा- हमने टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन किया। एटीट्यूड बहुत बड़ी समस्या रही। फील्डिंग मेरी नजर में एटीट्यूड से जुड़ा मसला है। हमने कैच छोड़े, मिस फील्डिंग की। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने हर बार 100% प्रदर्शन नहीं किया। टुकड़ों-टुकड़ों में प्रदर्शन किया गया। घर पर हमें ज्यादा बेहतर तैयारी करनी चाहिए थी। आप वर्ल्ड कप में बिना तैयारी के इलीट टीम के तौर पर नहीं आ सकते। ऐसा नहीं हो सकता कि आप रात को सोएं और सुबह उठें तो आपकी टीम महान बन गई हो। हमें एक बार फिर से अपने खेल को देखना होगा।
वेस्टइंडीज क्रिकेट सबसे खराब दौर में
होल्डर ने कहा, ‘वेस्टइंडीज क्रिकेट का सबसे खराब दौर अभी है। बोर्ड में कई तरह की दिक्कतें हैं, आज नहीं तो कल ये होना ही था। बोर्ड को फिर से युवाओं पर काम करना चाहिए ताकी खिलाड़ी टीम के रूप में खेले और 2-3 साल बाद हम फिर से बेहतर परफॉर्म करने लगे। छोटे बदलावों से काम नहीं होगा। बोर्ड को बड़े स्तर पर बदलाव करने होंगे। जब तक हम निचले स्तर से बदलाव कर युवाओं को तैयार नहीं करेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला। युवाओं को घरेलू क्रिकेट की वैल्यू समझानी होगी, उन्हें बताना होगा कि ये क्यों अहम है। जूनियर लेवल पर काम होगा, तभी ये खिलाड़ी भविष्य में टीम के लिए अच्छा खेल सकेंगे।’
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