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IIT और DU के प्रोफेसर क्या बोले NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर, जानिए
Last Updated on August 25, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। जेईई-नीट (JEE-NEET) की परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार समेत हर कोई चिंता में है। कोरोना महारी के चलते इन परीक्षाओं का आयोजन करवाना छात्रों के लिए एक चिंता का विषय बन चुका है। ऐसे में छात्र परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है देश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए। ये छात्रों की सेहत के साथ खिलवाड़ करना होगा। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इन परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए सहमति भर दी है, तो वहीं दूसरी ओर परीक्षाओं को स्थगित करने या रद्द करने की मांग सरकार अनसुनी कर रही है। छात्रों को कोई राहत नहीं मिली है। वहीं, अब कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) परीक्षा रद्द करने की वकालत कर रही हैं।
इस बार परीक्षा में होंगी 10 चीजें जो पहले कभी नहीं हुईं
एक रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष शिक्षा विशेषज्ञों ने बातचीत के दौरान क्या कहा IIT दिल्ली के एक प्रोफेसर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम इन चिंताओं के बारे में ध्यान नहीं दे रहे हैं। हम अभी भी सावधानी बरतने के बारे में ध्यान रख रहे हैं, जो आवश्यक है। IIT दिल्ली JEE एडवांस परीक्षा आयोजित करने जा रहा है, JEE प्रवेश परीक्षा NTA द्वारा ली जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम उत्सुकता से देख रहे हैं कि चीजें कैसे विकसित हो रही हैं, अगर ऐसी चीजें होती हैं तो हम तैयारियों पर पुनर्विचार करेंगे। लेकिन, समीक्षा तब होगी जब परीक्षाओं की तारीख नजदीक आएगी। हम इस बार 10 चीजें कर रहे हैं जो हमने पहले कभी नहीं की हैं, जैसे केंद्रों की संख्या दोगुनी हो गई है। छात्रों की बीच गैप हो, इसके लिए हम एक सीट खाली छोड़ रहे हैं। इस बार हम 1200 से अधिक केंद्र बना रहे हैं, जो सामान्य मामलों से दोगुना है। हम 99% छात्रों को सैनिटाइज़र और सभी तरह की सावधानियों के साथ अपनी पसंद का केंद्र देने की कोशिश कर रहे हैं।’
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परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ तो धरती नहीं फट जाएगी
इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर इस मसले पर बात करते हुए कहा कि यदि इस वर्ष जेईई का आयोजन नहीं किया जा रहा, तो धरती नहीं फट जाएगी। यदि एक सेमेस्टर नहीं होगा, तो कुछ नहीं बदलेगा। छात्रों के अलावा अन्य विकल्प भी नहीं हैं। संस्थानों को यह सोचना चाहिए कि यह स्थगन सभी के लिए है, किसी व्यक्ति के लिए नहीं। उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोचिंग सेंटर चीजों पर शासन कर रहे हैं। कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि कितने छात्रों को कितनी दूरी की यात्रा करनी है, जहां उन्हें परीक्षा में शामिल होने के लिए जाना है, अगर कोई सर्वेक्षण या अध्ययन नहीं किया गया है, तो इसका क्या मतलब है, इतने बड़े स्तर पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।
परीक्षा का विरोध करने वालों को विकल्प के साथ सामने आना चाहिए था
वहीं, एक अन्य प्रोफेसर का इस मसले पर कहना है कि कई राजनेता JEE-NEET परीक्षाओं के आयोजित करने को लेकर विरोध कर रहे हैं। उन्हें, परीक्षा आयोजित करने के निर्णय की आलोचना करने के बजाय विकल्प के साथ सामने आना चाहिए था। ऐसी कुछ प्रक्रियाएं हैं, जिनके माध्यम से परीक्षाओं को अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित किया जा सकता है। इन परीक्षाओं के माध्यम से लाखों छात्रों का भविष्य तय किया जाएगा और आपको उन अभिभावकों के बारे में सोचना चाहिए जो अपने बच्चे को एक निश्चित संस्थान में देखना चाहते हैं। यदि परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाएगा तो IIT, IIM और अन्य संस्थानों में इतनी क्षमता नहीं है कि वे अगले साल 2020 और 2021 की प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन एक साथ कर सकें। वहीं इनमें से कई छात्रों को देश के प्रमुख संस्थानों में दाखिला पाने का मौका भी छूट जाएगा। उन्होंने कहा कि जब सरकार और प्रतिष्ठित संगठनों ने परीक्षा आयोजन करने का फैसला कर ही लिया है, तो कुछ चीजें स्पष्ट हैं कि उचित सावधानी बरती जाएगी। इसलिए किसी को इसके बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। बता दें, कोरोना वायरस संकट के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही दो महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की गई हैं।