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WHO ने चेताया -खुली जगह पर Disinfectant छिड़कने से खत्म नहीं होता Corona
इस समय दुनिया कोरोना वायरस( Coronavirus) के जूझ रही है। कोरोना संक्रमण से अब तक कई जानें जा चुकी है। हमारे देश में भी इसके मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना से बचाव के लिए साफ सफाई रखने पर जोर दिया जा रहा है। अकसर देखने में आता है कि लोग सड़कों पर या फिर खुले में कीटाणु नाशक का छिड़काव इसलिए करते ताकि इस बीमारी से बचाव हो सकते। आमतौर पर माना जाता था कि कोरोना वायरस सतह पर रहता है और अगर उस पर कीटाणुनाशक का छिड़काव कर दिया जाए तो वायरस का खात्मा हो जाएगा। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बाजारों, सड़कों, दुकानों, स्कूल-कॉलेज, और रेस्त्रां में कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। अब ड्ब्ल्यूएचओ( WHO) ने चेतावनी दी है कि खुले में कीटाणुनाशक छिड़कने से कोरोनावायरस का खात्मा नहीं होगा, बल्कि ऐसा करना लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
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डब्ल्यूएचओ ने बताया कि गलियों और बाजारों में डिसइन्फेक्टेंट के स्प्रे या फ्यूमिगेशन से फायदा इसलिए नहीं होता, क्योंकि धूल और गंदगी की वजह से वह निष्क्रिय हो जाता है। यह भी जरूरी नहीं कि केमिकल स्प्रे से सभी सतह कवर हो जाएं और इसका असर उतनी देर रह पाए जितना रोगाणु को खत्म करने के लिए जरूरी होता है।डब्ल्यूएचओ का कहना है कि किसी व्यक्ति पर डिसइन्फेक्टेंट का स्प्रे नहीं करना चाहिए। इससे शारीरिक और मानसिक नुकसान हो सकते हैं। ऐसा करने से संक्रमित व्यक्ति के जरिए वायरस फैलने का खतरा भी कम नहीं होता। क्लोरीन और दूसरे जहरीले केमिकल से लोगों को आंखों और स्किन से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। सांस लेने में दिक्कत और पेट-आंत से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।
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संगठन ने घरों के अंदर भी किसी रसायन का छिड़काव करने पर आपत्ति जताई है। एजेंसी ने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि इससे संक्रमण कम होने का कोई संबंध नहीं है। अगर कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करना ही है तो उसमें कपड़े को भिगोकर सतह को साफ किया जा सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस अलग-अलग सतह पर अलग-अलग समय तक रहता है। इसलिए सबसे बेहतर है कि इससे बचने के लिए सफाई करते रहें। यह किस सतह पर कितनी देर टिक सकता है, इस बारे में सटीक जानकारी नहीं है।
डब्ल्यूएचओ की सलाह
-शरीर पर रसायन का छिड़काव शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
– क्लोरीन के छिड़काव से आंखों और त्वचा में जलन, उल्टी-दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
-सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव से नाक-गले के श्वसन पथ में दिक्कत और जलन संभव।
-कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति पर भी इस तरह का छिड़काव नहीं किया जा सकता।
-कोरोना वायर शरीर के अंदर रहता है बाहरी हिस्से पर छिड़काव करने से वह नहीं मरता।
-अधिकारियों को इस तरह का कोई भी छिड़काव बाजार या सड़क कहीं नहीं कराना चाहिए।