-
Advertisement
हिमाचल और दूसरे राज्यों में कोरोना मृत्यु के आंकड़ों में ज्यादा अंतर क्यों नहीं ?
अब तक के पूरे कोरोना काल (Corona Era) में 30 अप्रैल तक हिमाचल में 1465 कोरोना संक्रमितों की मौत (Corona Death) हुई थी, जबकि मई महीने के 29 दिन में ही 1605 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। हिमाचल (Himachal) में मई महीने के सिर्फ 29 दिनों में मृत्यु दर 1.76 फीसदी रही. इसके अलावा पूरे कोरोना काल में भी हिमाचल में की मृत्यु दर 1.62 फीसदी है जो कि छोटे राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा है। ऐसे में आज हम कुछ सवालों को टटोलने की कोशिश करेंगे कि क्या हिमाचल में स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी अच्छी नहीं थी। क्या हिमाचल में स्वास्थ्य महकमे ने कोरोना को लेकर अंडर रिपोर्टिंग नहीं की। क्या हिमाचल ने आंकड़े नहीं छिपाए या दूसरे राज्यों ने आंकड़ों में पारदर्शिता नहीं रखी। सबसे पहले बात करते हैं हिमाचल में बीते चार दिनों की कोरोना पॉजिटिविटी रेट की।
यह भी पढ़ें: Himachal में अभी कोरोना रिकवरी रेट 90% पार, आज अब तक 2,667 ठीक
दिन टेस्ट हुए पॉजिटिव आए संक्रमण दर
26 मई 8779 1365 15.54 फीसदी
27 मई 10737 1472 13.70 फीसदी
28 मई 13375 1523 11.38 फीसदी
29 मई 13393 1262 9.42 फीसदी
मई महीने के 29 दिन में 90 हजार 944 मामले सामने आए।
मई महीने के 29 दिन में 4 लाख 3 हजार 260 टेस्ट किए गए।
इस हिसाब से मई महीने में हर 100 में से 22 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए।
हिमाचल के मुकाबले क्या है दूसरे राज्यों की स्थिति
असम की जनसंख्या है 3 करोड़ 12 लाख से ज्यादा है। असम में कोरोना मौतों का आंकड़ा है 3 हजार 245. इसी तरह जम्मू कश्मीर की जनसंख्या है एक करोड़ 25 लाख से ज्यादा, जम्मू कश्मीर में कोरोना मौतें हुई हैं 3 हजार 841. ओडिशा की जनसंख्या चार करोड़ से ज्यादा है और कोरोना मौतें हुई हैं 2 हजार 686. अपने पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की बात करते हैं यहां की जनसंख्या है एक करोड़ 86 हजार से ज्यादा है और यहां मौतें हुईं हैं 6 हजार 360. केरल जिस राज्य को देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं में सबसे ज्यादा अव्वल माना जाता है वहां की जनसंख्या है करीब 3 करोड़ 34 लाख से ज्यादा है.
केरल में कोरोना से मौतें हुई हैं 8 हजार 455. हिमाचल को भी स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सर्वे हमेशा दूसरे तीसरे स्थान पर तो रखते ही थे, मौजूदा और पिछली सरकारें भी स्वास्थ्य ढांचे को लेकर अपनी पीठ थपथपाती थीं, लेकिन करीब साढ़े तीन करोड़ की आबादी वाले केरल में कोरोना मौतों के आंकड़ा 8 हजार 455 है और हिमाचल में 70 लाख की आबादी पर 3 हजार 70 मौतें। ऐसे में हमारी आबादी तीन करोड़ से ज्यादा होती तो हम कहां पहुंचते। खैर हिमाचल को छोड़ सभी राज्यों को कोरोना के मामलों पर अंडर रिपोर्टिंग करने के आरोप लगे हैं। चूंकि ओडिशा जैसे राज्य की आबादी भी चार करोड़ से ज्यादा है और कोरोना मौतें हुई हैं 2 हजार 686. ऐसे में या तो ओडिशा का स्वास्थ्य ढांचा देश में सबसे अच्छा था या यहां के लोग कोरोना से बहुत ज्यादा जागरूक थे या फिर यहां भी अंडर रिपोर्टिंग हुई है।
बहरहाल हिमाचल की आबादी करीब 70 लाख है। ऐसे में यहां 3 हजार 70 से ज्यादा मौतें हैं। मतलब दो ही निकल रहे हैं कि हिमाचल में संक्रमण ज्यादा था, रिपोर्टिंग भी ज्यादा हुई, लेकिन स्वास्थ्य ढांचा इतना मजबूत नहीं था। ऐसा भी कहा जा सकता है कि क्या जयराम सरकार ने कोरोना से मौतों के आंकड़ों नहीं छिपाया या हिमाचल में ऐसा संभव भी नहीं था।