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गोहर( मंडी)। सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी ( Mandi) में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए लाई नाचन की एक महिला को कोरोना रिपोर्ट ( Corona report) के नाम मंडी अस्पताल के लिए रेफर करने में देरी की गई। इसके बाद समय पर एंबुलेंस ( Ambulance) तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। नतीजतन मंडी अस्पताल पहुंचने के बाद जब उसे आईजीएमसी रेफर किया तो रास्ते में ही महिला की मौत ( death) हो गई। परिजनों का आरोप है कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में एंबूलेंस मुहैया करवाने के लिए ढाई घंटे का समय लगा, जबकि एंबुलेंस कॉलेज के बाहर ही खड़ी थी। उधर महिला की कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव ( Negative) पाई गई है।
नाचन के पाधरु गांव की मथुरा देवी (47) की गत दिवस तबीयत खराब हो गई थी और उसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज (Medical College Nerchowk ) में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। परिजनों का आरोप है कि महिला को यहां से मंडी अस्पताल भेजने के लिए कोरोना टेस्ट के नाम पर उलझाकर रखा गया। इस के बाद मंडी अस्पताल भेजने के लिए दो घंटे तक एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई गई और इसी बीच महिा की तबीयत बिगड़ती गई। पीड़ित परिवार के हंस राज ने बताया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में कॉल करने के उपरांत ही जो एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़ी थी भी ढाई घंटे बाद मुहैया कराई गई। परिवार का आरोप है कि ढाई घंटे पहले ही अगर खड़ी एंबुलेंस मिल जाती तो मथुरा देवी आज जीवित होती। इसके बाद मंडी असप्ताल पहुंचते ही महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी और वहां से उसे आईजीएमसी रेफर किया गया। लेकिन शिमला ले जाते समय रास्ते में सुंदरनगर में उसकी मौत हो गई। जाहिर है कि कुछ हिन पहले ही महिला की सास की मौत हुई है। मथुरा देवी व उसकी सास दोनों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। पाधरु गांव के ग्रामीणो में लापरवाही को लेकर भारी रोष है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस पूरे प्रकरण को लेकर सीएमओ जीवानंद चौहान ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। अगर लापरवाही हुई है तो जरूर कार्रवाई होगा। 108 एंबुलेंस सभी मरीजों के लिए उपलब्ध रहनी चाहिए इसमें देरी नहीं होना चाहिए।
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