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लोहड़ी पर चंबा में जली भूतों की होली, एक हजार साल पुरानी अनोखी परंपरा
हर साल की तरह इस साल भी चंबा में मकर संक्रांति से एक दिन पहले भूत-प्रेतों को भगाकर जिले में सुख-शांति लाने की कामना के साथ लोहड़ी मनाई गई। चंबा की एक हजार साल पुरानी इस परंपरा के तहत शहर के हर कोने में स्थापित 14 मढ़ियों को लोग एक महीने तक जलाएंगे। यह अनोखी परंपरा एक हजार साल पहले राजा साहिल वर्मन ने दसवी शताब्दी में शुरू की थी। राजा साहिल वर्मन ने भरमौर से आकर चंबा रियासत को बसाया था। उन्होंने यहां पहुंचकर देखा तो इस स्थान में भूत प्रेतों का अधिकतर बसेरा हुआ करता था। उन्होंने भूत प्रेतों से निजात पाने के लिए शहर के हर कोने कोने में 7 मेल और 7 फीमेल 14 मढ़ियों की स्थापना कर दी। लोहड़ी के दिन से लगातार एक महीना लोग रात के समय इन मढ़ियों को जलाते थे। इनकी देखरेख मोहल्ले के सभी बूढे और बच्चे किया करते थे। ऐसा करने से भूत प्रेतों के आतंक तो समाप्त हुआ वहीं साथ में शांति भी कायम हो गई।