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दो हजार करोड़ के 138 प्रोजेक्ट को FCA के तहत मिली मंजूरी, शिवधाम का रास्ता साफ
शिमला। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एफआरए (FRA) और एफसीए (FCA) के तहत स्वीकृतियां मिलने के बाद हिमाचल में विकास को गति मिलेगी। एफसीए के तहत ही 138 प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से स्वीकृति मिली है। यह प्रोजेक्ट करीब दो हजार करोड़ रुपये हैं, जिन पर अब बिना किसी देरी के काम शुरू हो सकेगा। यह जानकारी सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने मीडिया से बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कोई विकास का प्रोजेक्ट स्वीकृत करने के बाद उसे शुरू करने के लिए एक प्रक्रिया होती है। बिना फॉरेस्ट क्लीयरेंस (Forest Clearance) के प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सकता है। बजट होने के बावजूद स्वीकृत प्रोजेक्टों को पूरा करने में फॉरेस्ट क्लीयरेंस बाधा बन रही थी। क्योंकि हिमाचल में एफसीएम और एफआरए की स्वीकृति सुप्रीम कोर्ट से मिलती हैं। ऐसे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्हें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने एफआरए और एफसीए के तहत 603 प्रोजेक्ट को स्वीकृतियां प्रदान की हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदेश के 685.58 हेक्टेयर क्षेत्र में 605 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है। एफसीए और एफआरए प्राप्त नहीं होने के कारण विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं कई वर्षों से समय पर कार्यान्वित नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की उदारता और राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मामले को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने के कारण संभव हुआ।
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इनमें से दो हजार करोड़ रुपये के 138 प्रोजेक्ट को एफसीए के तहत स्वीकृति दी गई है। इसमें अनेक प्रमुख प्रोजेक्ट शामिल हैं। एक हजार 337 करोड़ का ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट सिरमौर (Green Corridor National Highway Project Sirmaur) भी शामिल है। नेशनल हाईवे धर्मशाला का 61.41 करोड रुपये, 66 केवी लाइन सैंज सब स्टेशन लास्टाधारा 56.36 करोड़, 33/11 केवी नादौन अपग्रेडेशन साढ़े 12 करोड़ का, 33 केवी मनाली 6.74 करोड़, निरमंड-कोटला सब स्टेशन 31.74, कालाअंब सब स्टेशन, 120 केवी दैहन से हमीरपुर ट्रासमिशन लाइन 119.58 करोड़ , 66/220 केवी सबस्टेशन लाहुल, धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना, शिक्षा विभाग के 143 करोड़ के प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। वहीं, मंडी (Mandi) शिवधाम को भी स्वीकृति मिल गई है। अब शिवधाम का काम तेज गति से पूरा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट 465 एफआरए स्वीकृतियां प्रदान की है। इसमें 334 सड़कें, 53 स्कूल (School), 18 पेयजल योजना व 10 सामुदायिक केंद्र शामिल हैं। उन्होंने एफसीए और एफआरए के तहत स्वीकृतियां देने पर सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल की परिस्थितियों को समझा और सरकार की बात सुनते हुए ये स्वीकृतियां दीं। सीएम जयराम ठाकुर ने इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से भी बात की थी। उन्होंने कहा कि यह मामले मार्च 2019 के लंबित थे। कोविड के चलते कोर्ट बंद होने से सरकार अपना पक्ष नहीं रख पाई। अब प्रोजेक्ट को स्वीकृतियां मिल गई हैं, जोकि राहत की बात है।
सीएम ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं का कार्य लंबे समय तक रुका रहा और सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च, 2019 के आदेश में जारी निर्देशों के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाईं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2021 को जारी आदेशों के अनुसार 138 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति प्रदान की है जिसके लिए केंद्र सरकार ने एफसीए के तहत स्वीकृति प्रदान की है और एफआरए के तहत 465 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि 1337 करोड़ रुपये के ग्रीन कोरिडोर नेशनल हाइवे सिरमौर और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 61.48 करोड़ रुपये लागत के टू लेन नेशनल हाइवे 20ए (नया एनएच 503) धर्मशाला प्रमुख परियोजनाएं हैं।
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