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साल 2020 का सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात आज, जानें इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण
आज साल 2020 का सबसे छोटा दिन है। ये एक खगोलीय घटना (Astronomical Phenomena) के कारण होता है जिसे विंटर सॉल्सटिस कहा जाता है। इस खगोलीय घटना में सूर्य कर्क रेखा (Tropism) से मकर रेखा की तरफ उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है और इस अवधि में सूर्य की किरणें बहुत कम समय के लिए धरती पर रहती हैं। इस खगोलीय घटना के बाद पृथ्वी पर चंद्रमा की रोशनी ज्यादा देर तक रहने लगती है। ऐसे में ठंड काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इस दिन से शिशिर ऋतु की शुरुआत हो जाती है और कड़ाके की ठंड, शीतलहर, कोहरा, पाला का प्रकोप एक महीने से अधिक समय तक देखने को मिलता है। कई राज्यों में जमकर बर्फबारी भी होती है। सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय टाइम जोन और भौगोलिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।
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उत्तरी गोलार्ध में जहां आज का दिन सबसे छोटा तो दक्षिणी गोलार्ध में आज ही सूरज सबसे ज्यादा देर तक रहेगा और इस तरह से इस हिस्से में आने वाले देशों में आज का दिन साल का सबसे बड़ा दिन होगा। इन देशों में अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) शामिल है, जहां आज से गर्मी की शुरुआत हो रही है।
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी का अपने घूर्णन के अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है और झुकाव की वजह से प्रत्येक गोलार्ध को सालभर अलग-अलग मात्रा में सूर्य(Sun) का प्रकाश मिलता है। दिसंबर में विंटर सॉल्सटिस के दिन जब सूर्य की सीधी किरणें भूमध्य रेखा(Equator) के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती हैं, तो उत्तरी गोलार्ध में ये दिसंबर संक्रांति और दक्षिणी गोलार्ध में इसे जून संक्रांति के रूप में जाना जाता है। ऐसे में साल में 20 से 23 जून के बीच समर सोल्सटिस घटित होता है। यह साल का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है। वहीं, 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन और रात का समय बराबर होता है।