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Himachal: मंदिर खुलने के पहले दिन मां ज्वालामुखी में 350 तो माता ब्रजेश्वरी के दर पहुंचे 100 श्रद्धालु
ज्वालाजी/कांगड़ा। हिमाचल में करीब छह माह बाद धार्मिक स्थल खुल गए हैं। गुरुवार को पहले दिन विधिवत पूजा अर्चना के बाद मंदिरों के कपाट दर्शनों के लिए खोले गए। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इतने माह बाद मंदिर खुलने के बाद भी रौनक नहीं दिखी। इक्का दुक्का श्रद्धालु ही मंदिरों में दर्शनों को पहुंचे। मां ज्वालामुखी (Jawalamukhi) में गुरुवार को पहले दिन 350 श्रद्धालु पहुंचे। जबकि जिला कांगड़ा के ब्रजेश्वरी मंदिर (Brajeshwari Temple) में 100 के करीब श्रद्धालुओं (Devotees) ने हाजिरी भरी। ज्वालामुखी मंदिर के कपाट दर्शनों के लिए खुलने के बाद पहले दिन 9 से 5 बजे तक ही दर्शनों की सुविधा की गई थीए जिसमें मात्र 350 श्रद्धालुओं ने ही मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शन किए। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पहले से ही पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। मंदिर जाने वाले हर श्रद्धालु की थर्मल स्कैनिंग के बाद पंजीकरण किया गया तथा टोकन देकर दर्शनों के लिए भेजा गया। वहीं मंदिर के बाहर सजने वाली प्रसाद की अधिकांश दुकानें बंद दिखीं। कुछ एक ही दुकानें खुली थीं जिनके दुकानदार भी निराश दिखे। इसका मुख्य कारण मंदिर (Temple) में प्रसाद और चुनरी का ना लेकर जाना था। ज्वालामुखी मंदिर में आज पहले दिन पंजाब के 8 तथा हरियाणा के 7 श्रद्धालुओं ने मां ज्वाला के दर्शन किएए जबकि कांगड़ा सहित हमीरपुरए बिलासपुर व ऊना के 325 श्रद्धालुओं ने माता के दरवार में हाजिरी लगाई। बाहरी राज्यों से बिना कोविड रपट लिए आए एक परिवार को बिना दर्शनों के ही पंजीकरण काउंटर से वापिस लौटना पड़ा।
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इसी तरह से जिला कांगड़ा (Kangra) के ब्रजेश्वरी मंदिर में भी इक्का दुक्का ही श्रद्धालु पहुंचे। यहां सुबह से शाम तक लगभग 100 के करीब श्रद्धालुओं ने माता ब्रजेश्वरी मंदिर में माता की पिंडी के दर्शन किए। हालांकि इन्हें भी पिंडी से करीब 12 फीट दूरी से ही दर्शन करने पड़े जिसके चलते श्रद्धालुओं में निराशा देखी गई। मंदिर में आ रहे श्रद्ालुओं की बकायदा तापमान जांच और सैनिटाइज करने के बाद ही दर्शनों के लिए भेजा गया। यहां भी मंदिर के बाहर सजने वाली अधिकांश दुकानें बंद रहीं और जो खुली थी भी उनके दुकानदार भी निराश ही दिखे।