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बजट सत्रः हिमाचल में शिक्षा विभाग में भरे जाएंगे 6200 पद, खाली पदों पर होगी सीधी भर्ती
शिमला। नौवीं से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में हिंदी-संस्कृत विषय में श्रीमद्भागवत गीता का सार शामिल होगा। गुरुवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने विधानसभा के सदन में यह जानकारी दी। इस संबंध में विधायक जीतराम कटवाल और नरेंद्र ठाकुर की ओर से संकल्प प्रस्ताव रखा गया था। विपक्ष ने भी इसका समर्थन किया है।
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कांगड़ा के बीड़ में जल्द शुरू होगी साइंस लैब
बीजेपी विधायक मुलख राज प्रेमी के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जिला कांगड़ा (Kangra) के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में जल्द साइंस लैब को शुरू कर दिया जाएगा। इस लैब का 70 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। अधिकारियों को इसके निर्माण कार्य में तेजी लाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में बैजनाथ (Baijnath) विधानसभा क्षेत्र में 17 स्कूलों के नए भवनों के निर्माण कार्य मंजूर किए गए हैं। इनमें से 4 स्कूलों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और 10 स्कूलों (Schools) का निर्माण कार्य जारी है। वहीं, बीजेपी विधायक सुरेंद्र शौरी के एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि बंजार निर्वाचन क्षेत्र में केवल पांच प्राथमिक, एक माध्यमिक और दो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पर्याप्त बजट उपलब्ध न होने के कारण लंबित हैं।
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शिक्षा विभाग में भरे जाएंगे 6200 पद
विधायक हीरा लाल के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में करसोग (Karsog) विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में प्रवक्ता के 43 पदों को भरा गया है। वहीं, टीजीटी आर्ट्स के 25, नॉन मेडिकल के 17 और मेडिकल के 10 पद भरे गए हैं। उन्होंने कहा कि करसोग विधानसभा हलके के स्कूलों में अधिकतर पदों को भरा गया है और खाली पदों को भी सीधी भर्ती और पदोन्नति से भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में 6200 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।
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प्रदेश में 42 स्कूल ऐसे जहां एक भी विद्यार्थी नहीं
हिमाचल सरकार एक ओर जहां शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए अपने बजट में सबसे ज्यादा बजट का प्रावधान कर रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के 42 ऐसे स्कूल भी हैं जहां पर एक भी विद्यार्थी नहीं है। इसका खुलासा आज प्रश्नकाल के दौरान विधायक रमेश धवाला के सवाल में शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए लिखित जवाब में हुआ है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले तीन साल से 27 प्राथमिक पाठशालाएं ऐसी हैं, जहां पर एक भी छात्र नहीं है। लाहुल-स्पीति (Lahaul-Spiti) जिला में सबसे ज्यादा सात स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है।
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किन्नौर जिला में 6, कांगड़ा जिला में चार, हमीरपुर जिला में 5 और बिलासपुर जिला में तीन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। वहीं, तीन राजकीय पाठशालाएं ऐसी हैं, जहां पर एक भी विद्यार्थी नहीं है। इसमें दो स्कूल हमीरपुर (Hamirpur) जिला में है और एक स्कूल लाहुल.स्पीति में है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं की बात करें तो 12 स्कूल भवन ऐसे हैं जो अभी तक उपयोग में नहीं लाए गए हैं। इसमें बिलासपुर जिला में दो, कुल्लू जिला में भी दो, सिरमौर जिला में चार, सोलन, ऊना, शिमला, लाहुल-स्पीति, चंबा (Chamba), हमीरपुर और कांगड़ा जिला में एक.एक स्कूल अनुप्रयुक्त है।
कांगड़ा में इस कारण नहीं हो पा रही भाषा अध्यापकों की नियुक्ति
जिला कांगड़ा में अपर्याप्त रिक्त पद होने के कारण भाषा अध्यापक के पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान नहीं की गई हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र को दौरान कांगड़ा के विधायक पवन काजल (Pawan Kajal) के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने दी है।
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