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Big News: संकट की घड़ी में जयराम सरकार ने दी राहत, नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें
शिमला। कोरोना संकट की घड़ी में प्रदेश की जयराम सरकार ने आमजन को बडी राहत देते हुए निर्णय लिया है कि बिजली की दरें (Electricity Tariff) इस साल नहीं बढ़ाई जाएंगी। इससे प्रदेश के 21 लाख बिजली उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। यानी इस वर्ष पिछले साल 2019.20 वाली दरें ही लागू रहेंगी। लॉकडाउन (Lockdown) के इस दौर में घरेलू सहित व्यवसायिक और औद्योगिक इकाइयों को बड़ी राहत मिली है।
487.88 करोड़ का हुआ था घाटा
वर्ष 2019 में आयोग ने बोर्ड के 511795 करोड़ के वार्षिक राजस्व जरूरत को पूरा करने के लिए घरेलू बिजली प्रति यूनिट पांच पैसे और उद्योगों को दी जाने वाली बिजली को दस पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ाया था। बावजूद इसके बिजली बोर्ड को 2019.20 में 487.88 करोड़ का घाटा हुआ था। ऐसे में बोर्ड ने 2020.21 के लिए 6000.52 करोड़ के वार्षिक राजस्व जरूरत का प्रस्ताव आयोग को भेजा था। वर्ष 2017.18 और 2018.19 में घरेलू (Domestic) बिजली की दरें नहीं बढ़ाई थीं। जबकि वर्ष 2016 में घरेलू बिजली साढ़े तीन फीसदी महंगी हुई थी।
882 करोड़ की अधिक मांग की थी
बिजली बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) से बिजली दरों में 8.73 फीसदी की बढ़ोतरी मांगी थी। बोर्ड ने 487 करोड़ के राजस्व घाटे का हवाला देते हुए वित्तीय वर्ष 2020.21 के लिए 6000 करोड़ के वार्षिक राजस्व की जरूरत बताई थी। बीते वर्ष के मुकाबले इस बार बोर्ड ने 882 करोड़ की अधिक मांग की थी। बोर्ड ने आयोग को भेजी पिटीशन में हिमाचल के करीब 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और 30 हजार औद्योगिक घरानों को दी जाने वाली बिजली सप्लाई को 8.73 फीसदी की दर से बढ़ाने की मांग की थी।